जयपुरिया अस्पताल में इलाज का ‘लचर सिस्टम’: ऑडियोमेट्री और स्पीच थैरेपी रूम पर ताला, स्टाफ बोला- जांच करानी है तो 10 दिन बाद आओ
भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़े जयपुरिया अस्पताल में आने वाले मरीज मर्ज से ज्यादा इलाज के लचर सिस्टम से पीड़ित है। अस्पताल में सुनने की क्षमता की ऑडियोमेट्री ओर बेरा की जांच के लिए एक ही व्यक्ति है। वो भी सप्ताह में तीन दिन जांच करते है, जिससे बधिर सिस्टम से दर्द बढ़ रहा है। इसी माह में बेरा जांच के लिए मूक-बधिर दंपत्ति को अगले साल की 26 मार्च 2026 की तिथि दी है। ऑडियोमेट्री और स्पीच थैरेपी के ताला लगा मिला। स्टाफ ने कहा कि जांच करानी है तो 10 दिन बाद आना। दवा वितरण केंद्र पर प्रसूताओं की कतार। ये खामियां मिली; जहां देखो वहां लंबी कतारें 3. गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट की सेवाएं उपलब्ध नहीं: अस्पताल में गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट और दिल के लिए कार्डियोलोजिस्ट जैसे डॉक्टरों की सेवाएं मरीजों को नहीं मिल रही। 1. परिजनों के लिए बनी वाटिका के ताला: ट्रॉमा सेन्टर में आने वाले मरीजों के परिजनों के बैठने के लिए अशोक स्मृति वाटिका बनी है, लेकिन इसके भी ताला लगा मिला, जहां पर साफ-सफाई भी नहीं थी। हालांकि परिजनों के लिए बैठने के लिए अच्छा वातावरण विकसित कर रखा है। 2.निजी संस्थान का बोर्ड: पार्किंग के ऊपर ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग का पिछले 6 माह से बोर्ड लगा है। जिससे यहां पर आने जाने वाले सभी असमंजस की स्थिति में है। जबकि यह बिल्कुल खाली पड़ा है और ताला लगा है। इस तरफ किसी का ध्यान क्यों नहीं गया।
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आरयूएचएस कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से जुड़े जयपुरिया अस्पताल में आने वाले मरीज मर्ज से ज्यादा इलाज के लचर सिस्टम से पीड़ित है। अस्पताल में सुनने की क्षमता की ऑडियोमेट्री ओर बेरा की जांच के लिए एक ही व्यक्ति है। वो भी सप्ताह में तीन दिन जांच करते है, जिससे बधिर सिस्टम से दर्द बढ़ रहा है। इसी माह में बेरा जांच के लिए मूक-बधिर दंपत्ति को अगले साल की 26 मार्च 2026 की तिथि दी है। ऑडियोमेट्री और स्पीच थैरेपी के ताला लगा मिला। स्टाफ ने कहा कि जांच करानी है तो 10 दिन बाद आना।
दवा वितरण केंद्र पर प्रसूताओं की कतार।
ये खामियां मिली; जहां देखो वहां लंबी कतारें
3. गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट की सेवाएं उपलब्ध नहीं: अस्पताल में गेस्ट्रोएंट्रोलोजिस्ट और दिल के लिए कार्डियोलोजिस्ट जैसे डॉक्टरों की सेवाएं मरीजों को नहीं मिल रही।
1. परिजनों के लिए बनी वाटिका के ताला: ट्रॉमा सेन्टर में आने वाले मरीजों के परिजनों के बैठने के लिए अशोक स्मृति वाटिका बनी है, लेकिन इसके भी ताला लगा मिला, जहां पर साफ-सफाई भी नहीं थी। हालांकि परिजनों के लिए बैठने के लिए अच्छा वातावरण विकसित कर रखा है।