नवंबर की राज्य स्वच्छता रैंकिंग जारी:10 लाख तक आबादी वाले शहरों में उदयपुर प्रदेश में थर्ड
शहरों को साफ रखने के लिए राज्य सरकार ने स्टेट लेवल पर सफाई को लेकर नवंबर में प्रतिस्पर्धा करवाई। अब ये हर माह होगी। कचरा निस्तारण, पोर्टल अपडेट, ओडीएफ प्लस, जीएवी फ्री शहर और जन जागरूकता श्रेणी के आधार पर रैंकिंग दी गई। स्वायत्त शासन विभाग ने सफाई को अंक देते हुए शहरों की नवंबर माह की सफाई रैंकिंग जारी की है। बड़े शहरों में जयपुर और 3 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में उदयपुर तीसरे स्थान पर रहा। 10 लाख से अधिक आबादी वाले निकायों में 33.66 अंक के साथ जयपुर ग्रेटर, जबकि 3 से 10 लाख की आबादी वाले शहरों में 52.16 अंक के साथ भीलवाड़ा अव्वल है। दूसरे नंबर अलवर (48.29) और तीसरे स्थान पर उदयपुर नगर निगम रहा। 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाली कैटेगरी में भरतपुर 45.70 अंकों के साथ प्रदेश के 47 शहरों में अव्वल आया है। छोटे निकायों में 20 से 50 हजार आबादी वाले शहरों में नाथद्वारा 56.33 अंक के साथ सबसे आगे रहा। पुष्कर दूसरे और डूंगरपुर तीसरे स्थान पर रहे। 20 हजार से कम आबादी में बड़ी सादड़ी प्रथम रहा। सर्वेक्षण में हर गलती पर कटेगा नंबर स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 में अच्छी रैंकिंग चाहिए तो शहरों को अपनी सोच और काम दोनों बदलने होंगे। केंद्र सरकार की नजर सिर्फ कॉलोनियों या मुख्य सड़कों पर नहीं, बल्कि उन हर जगहों पर होगी, जहां लोग ज्यादा पहुंचते हैं। टूरिस्ट स्पॉट, हेरिटेज एरिया, धार्मिक स्थल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या बाजार को चमकाने पर अच्छी रैंकिंग मिलेगी। हर गलती पर नंबर कटेंगे।
शहरों को साफ रखने के लिए राज्य सरकार ने स्टेट लेवल पर सफाई को लेकर नवंबर में प्रतिस्पर्धा करवाई। अब ये हर माह होगी। कचरा निस्तारण, पोर्टल अपडेट, ओडीएफ प्लस, जीएवी फ्री शहर और जन जागरूकता श्रेणी के आधार पर रैंकिंग दी गई। स्वायत्त शासन विभाग ने सफाई को
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दूसरे नंबर अलवर (48.29) और तीसरे स्थान पर उदयपुर नगर निगम रहा। 50 हजार से 3 लाख की आबादी वाली कैटेगरी में भरतपुर 45.70 अंकों के साथ प्रदेश के 47 शहरों में अव्वल आया है। छोटे निकायों में 20 से 50 हजार आबादी वाले शहरों में नाथद्वारा 56.33 अंक के साथ सबसे आगे रहा। पुष्कर दूसरे और डूंगरपुर तीसरे स्थान पर रहे। 20 हजार से कम आबादी में बड़ी सादड़ी प्रथम रहा।
सर्वेक्षण में हर गलती पर कटेगा नंबर स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 में अच्छी रैंकिंग चाहिए तो शहरों को अपनी सोच और काम दोनों बदलने होंगे। केंद्र सरकार की नजर सिर्फ कॉलोनियों या मुख्य सड़कों पर नहीं, बल्कि उन हर जगहों पर होगी, जहां लोग ज्यादा पहुंचते हैं। टूरिस्ट स्पॉट, हेरिटेज एरिया, धार्मिक स्थल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन या बाजार को चमकाने पर अच्छी रैंकिंग मिलेगी। हर गलती पर नंबर कटेंगे।