नेहरू बाजार में दुकान का बरामदा गिरा:टूरिस्ट सीजन में हो सकता था बड़ा हादसा, व्यापारियों ने 10 दिन पहले अधिकारियों को दी थी सूचना
जयपुर में नए साल को लेकर देश-विदेश के टूरिस्ट बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हेरिटेज सिटी की पहचान माने जाने वाले परकोटे के बाजारों की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। जिस विरासत को देखने के लिए टूरिस्ट जयपुर आ रहे हैं, उसी की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। परकोटे के बाजारों की जर्जर स्थिति शनिवार रात उस वक्त सामने आई, जब अजमेरी गेट स्थित नेहरू बाजार में रात करीब 12:30 बजे एक दुकान का बरामदा अचानक गिर गया। गनीमत रही कि घटना रात में हुई, जिससे जनहानि नहीं हुई, लेकिन इस हादसे ने बाजार की संरचनात्मक मजबूती और प्रशासनिक अनदेखी को उजागर कर दिया। अब देखिए, हादसे से जुड़ी 3 PHOTOS... नेहरू बाजार में आधी रात को दुकान का बरामदा गिरा, मची अफरा-तफरी शनिवार देर रात नेहरू बाजार में दुकान का बरामदा गिरते ही बाजार में अफरा-तफरी मच गई। आसपास की दुकानों को भी नुकसान पहुंचा, जिससे लोग दहशत में आ गए। नेहरू बाजार दिन के समय टूरिस्ट और स्थानीय खरीदारों से गुलजार रहता है। व्यापारियों का कहना है कि अगर यही हादसा दिन में होता, तो भारी भीड़ के चलते गंभीर नुकसान हो सकता था। 10 दिन पहले अधिकारियों को दी थी लिखित शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि करीब 10 दिन पहले ही इस स्थान की खराब हालत को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को लिखित में सूचना दी गई थी। स्थानीय पार्षद और निगम अधिकारियों को भी अवगत कराया गया था, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। व्यापारियों का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई होती, तो इस हादसे से बचा जा सकता था। जर्जर नाले के कारण कमजोर हुई नींव, व्यापारियों ने पहले ही जताई थी चिंता व्यापारियों का कहना है कि दुकानों के बरामदे के नीचे नाला गुजरता है, जिसकी हालत लंबे समय से खराब है। बारिश और गंदे पानी की निकासी सही नहीं होने से जमीन कमजोर हो गई थी। इसी वजह से पिलर धंसे और बरामदा गिर गया। यह समस्या नई नहीं है, बल्कि काफी समय से बनी हुई है। व्यापारियों ने बताया कि नींव हिलने की लिखित शिकायत उन्होंने 17 दिसंबर को नगर निगम उपायुक्त को दी थी। उन्होंने उसमें साफ बताया था कि दुकान नंबर 173 से 177 तक की बरामदों के पिलर धंस गए हैं, जिससे छतों में दरारें आ गई हैं। इससे पास की दुकानों पर भी खतरा बना हुआ है और व्यापारियों में डर का माहौल है। सड़क का लेवल बढ़ने से दुकानों के पास जमा होता है पानी स्थानीय व्यापारी ने बताया कि करीब डेढ़ साल पहले नगर निगम की ओर से यहां सड़क बनाई गई थी। उस समय सड़क का लेवल दुकानों के बरामदों से ऊंचा कर दिया गया, जिसके बाद पिलरों के पास पानी जमा होने लगा। बारिश के समय पानी की निकासी नहीं होती, जिससे जमीन लगातार कमजोर होती चली गई। दिन में होता हादसा तो जान का नुकसान तय था, व्यापारियों में दहशत व्यापारियों का कहना है कि रात 12:30 बजे हादसा होना ही गनीमत रहा। दिन में नेहरू बाजार में बड़ी संख्या में टूरिस्ट और खरीदार रहते हैं। अगर यह हादसा दिन में होता, तो किसी न किसी की जान को नुकसान होना तय था। घटना के बाद से व्यापारी नगर निगम के अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक मौके पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने और संरचनात्मक जांच कराने की मांग हादसे के बाद व्यापारियों ने नगर निगम से ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने और नेहरू बाजार सहित पूरे परकोटे के बाजारों की संरचनात्मक जांच कराने की मांग की है। व्यापारियों का कहना है कि टूरिस्ट सीजन के बीच इस तरह की घटनाएं जयपुर की छवि और विरासत दोनों के लिए खतरा हैं।