खैरथल में शहीदों की याद में गर्म दूध लंगर:चार साहिबजादों की याद में 11 दिसंबर से चल रही है सेवा, सभी धर्मों के लोग कर रहे सहभागिता
खैरथल में सिख इतिहास के अमर शहीदों – चार साहिबज़ादे, माता गुजरी कौर और शहीद भाई मोती राम मेहरा की पावन स्मृति में गर्म दूध लंगर सेवा का आयोजन जारी है। खैरथल सिख समाज द्वारा यह सेवा शहर के किशनगढ़ रोड स्थित झूलेलाल के सामने 11 दिसंबर से 28 दिसंबर तक प्रतिदिन रात 8 बजे आयोजित की जा रही है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर शामिल हो रहे हैं। जन-जन तक पहुंचाने का मकसद इस सेवा का प्रमुख उद्देश्य शहीदों के अद्वितीय बलिदान, त्याग और मानवता के मूल्यों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। कड़ाके की ठंड के बीच गर्म दूध का यह लंगर श्रद्धालुओं को न केवल इतिहास और शहीदों की स्मृति से जोड़ता है, बल्कि समाज में सेवा, समानता और भाईचारे के संदेश को भी मजबूत करता है। सभी धर्मों के लोग कर रहे सहभागिता आयोजन में शामिल सिख समाज के सदस्यों ने बताया कि इस लंगर सेवा में बिना किसी धर्म, जाति या वर्ग के भेदभाव के सभी लोग भाग ले रहे हैं। यह सिख परंपरा के उस आदर्श को दर्शाता है, जिसमें सेवा सर्वोपरि है और हर इंसान समान है। आयोजन स्थल पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में नागरिक, युवा और बुजुर्ग पहुंचकर लंगर ग्रहण कर रहे हैं और शहीदों के त्याग को नमन कर रहे हैं। सिख समाज ने खैरथल के सभी निवासियों से अनुरोध किया है कि वे इस सेवा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होकर शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करें और समाज में भाईचारे व मानवता के संकल्प को मजबूत बनाएं।
खैरथल में सिख इतिहास के अमर शहीदों – चार साहिबज़ादे, माता गुजरी कौर और शहीद भाई मोती राम मेहरा की पावन स्मृति में गर्म दूध लंगर सेवा का आयोजन जारी है। खैरथल सिख समाज द्वारा यह सेवा शहर के किशनगढ़ रोड स्थित झूलेलाल के सामने 11 दिसंबर से 28 दिसंबर तक प
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जन-जन तक पहुंचाने का मकसद
इस सेवा का प्रमुख उद्देश्य शहीदों के अद्वितीय बलिदान, त्याग और मानवता के मूल्यों को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाना है। कड़ाके की ठंड के बीच गर्म दूध का यह लंगर श्रद्धालुओं को न केवल इतिहास और शहीदों की स्मृति से जोड़ता है, बल्कि समाज में सेवा, समानता और भाईचारे के संदेश को भी मजबूत करता है।
सभी धर्मों के लोग कर रहे सहभागिता
आयोजन में शामिल सिख समाज के सदस्यों ने बताया कि इस लंगर सेवा में बिना किसी धर्म, जाति या वर्ग के भेदभाव के सभी लोग भाग ले रहे हैं। यह सिख परंपरा के उस आदर्श को दर्शाता है, जिसमें सेवा सर्वोपरि है और हर इंसान समान है। आयोजन स्थल पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में नागरिक, युवा और बुजुर्ग पहुंचकर लंगर ग्रहण कर रहे हैं और शहीदों के त्याग को नमन कर रहे हैं।