बंगाली बाबा गणेश मंदिर में पौषबड़ा कल; 11 हजार क्विंटल सामग्री से बनेगी प्रसादी
जयपुर | दिल्ली रोड स्थित बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मंदिर में लक्खी पौषबड़ा महोत्सव 31 दिसंबर को दोपहर 3 बजे से आयोजित होगा। यह शहर की सबसे बड़ी पौष बड़ा प्रसादी होती है। इसमें करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालु पंगत प्रसादी ग्रहण करते हैं। आयोजन की तैयारियां जोरों पर चल रही है। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नारायण लाल अग्रवाल व उपाध्यक्ष व संयोजक संजय पतंगवाला ने बताया कि महोत्सव के तहत सबसे पहले प्रथम पूज्य बंगाली बाबा व स्वयं आत्माराम जलेश्वर महादेव का नयनाभिराम शृंगार कर पौषबड़ा प्रसादी का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद सबसे पहले संत-महंत की प्रसादी शुरू होगी। फिर देर रात शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु भी पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करेंगे। संरक्षक रघुवीर शरण अग्रवाल, महामंत्री गजेंद्र लूनीवाल, कोषाध्यक्ष विष्णु कुमार अग्रवाल व सह कोषाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने बताया कि प्रसादी बनने का कार्य 30 दिसंबर को शुरू हो जाएगा। प्रसादी में 2 हजार किलो सब्जी, 2 हजार किलो चीनी,1 हजार किलो सूजी, ढाई हजार किलो दाल, 6 हजार किलो आटा,100 पीपे घी व 150 पीपे तेल आदि सामग्री काम आएगी। इस प्रसादी को 100 भट्टियों पर करीब 400 के आसपास कारीगर तैयार करेंगे।
जयपुर | दिल्ली रोड स्थित बंगाली बाबा आत्माराम ब्रह्मचारी गणेश मंदिर में लक्खी पौषबड़ा महोत्सव 31 दिसंबर को दोपहर 3 बजे से आयोजित होगा। यह शहर की सबसे बड़ी पौष बड़ा प्रसादी होती है। इसमें करीब एक लाख से अधिक श्रद्धालु पंगत प्रसादी ग्रहण करते हैं।
.
आयोजन की तैयारियां जोरों पर चल रही है। मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नारायण लाल अग्रवाल व उपाध्यक्ष व संयोजक संजय पतंगवाला ने बताया कि महोत्सव के तहत सबसे पहले प्रथम पूज्य बंगाली बाबा व स्वयं आत्माराम जलेश्वर महादेव का नयनाभिराम शृंगार कर पौषबड़ा प्रसादी का भोग लगाया जाएगा। इसके बाद सबसे पहले संत-महंत की प्रसादी शुरू होगी। फिर देर रात शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु भी पंगत में बैठकर प्रसादी ग्रहण करेंगे।
संरक्षक रघुवीर शरण अग्रवाल, महामंत्री गजेंद्र लूनीवाल, कोषाध्यक्ष विष्णु कुमार अग्रवाल व सह कोषाध्यक्ष सुभाष अग्रवाल ने बताया कि प्रसादी बनने का कार्य 30 दिसंबर को शुरू हो जाएगा। प्रसादी में 2 हजार किलो सब्जी, 2 हजार किलो चीनी,1 हजार किलो सूजी, ढाई हजार किलो दाल, 6 हजार किलो आटा,100 पीपे घी व 150 पीपे तेल आदि सामग्री काम आएगी। इस प्रसादी को 100 भट्टियों पर करीब 400 के आसपास कारीगर तैयार करेंगे।