12वीं प्रायोगिक परीक्षाओं पर बोर्ड सख्त:ऑब्जर्वर की आवभगत पर रोक, अब सरकारी शिक्षक ही नियुक्त होंगे
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है। प्रायोगिक परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से निदेशक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, बीकानेर ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनके तहत प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान बाह्रा-वीक्षकों (ऑब् जर्वरों) की आवभगत, स्वागत-सत्कार, होटल में ठहराने, भोजन व्यवस्था अथवा किसी भी प्रकार की भेंट देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की परंपराएं नियम विरुद्ध हैं। ये परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करती हैं। बोर्ड का यह निर्णय प्रायोगिक परीक्षाओं को औपचारिकता से निकालकर वास्तविक शैक्षणिक मूल्यांकन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। इसके दीर्घकालीन परिणाम सामने आएंगे। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आब्जर्वर के रूप में केवल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सरकारी शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाएगी। निजी विद्यालयों के शिक्षकों को बाह्य-वीक्षक नियुक्त करने पर पूर्ण मनाही रहेगी। बोर्ड ने संस्था प्रधानों को निर्देशित किया है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता, दबाव या अवांछित गतिविधि की सूचना तत्काल बोर्ड नियंत्रण कक्ष को दी जाए। आवश्यकता होने पर पुलिस एवं जिला शिक्षा अधिकारी से भी सहायता लेने के निर्देश दिए गए हैं।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से 12वीं बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाओं को लेकर सख्त रुख अपनाया गया है। प्रायोगिक परीक्षाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से निदेशक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, बीकानेर ने विस्तृत दिशा-निर्देश जा
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बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की परंपराएं नियम विरुद्ध हैं। ये परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करती हैं। बोर्ड का यह निर्णय प्रायोगिक परीक्षाओं को औपचारिकता से निकालकर वास्तविक शैक्षणिक मूल्यांकन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी। इसके दीर्घकालीन परिणाम सामने आएंगे।
निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आब्जर्वर के रूप में केवल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत सरकारी शिक्षकों की ही नियुक्ति की जाएगी। निजी विद्यालयों के शिक्षकों को बाह्य-वीक्षक नियुक्त करने पर पूर्ण मनाही रहेगी।
बोर्ड ने संस्था प्रधानों को निर्देशित किया है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता, दबाव या अवांछित गतिविधि की सूचना तत्काल बोर्ड नियंत्रण कक्ष को दी जाए। आवश्यकता होने पर पुलिस एवं जिला शिक्षा अधिकारी से भी सहायता लेने के निर्देश दिए गए हैं।