कोटपूतली में कर्मचारी महासंघ की रैली को लेकर बैठक:12 जनवरी को जयपुर में होगी, सात संकल्पों पर चर्चा
कोटपूतली में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की ओर से 12 जनवरी को जयपुर में होने वाली चेतावनी महारैली की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। यह बैठक महासंघ की जिला शाखा कोटपूतली-बहरोड़ द्वारा जिला मुख्यालय स्थित पंचायत समिति में हुई। महारैली के सात संकल्पों पर चर्चा महासंघ के जिला संयोजक बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि प्रताप सिंह सैनी के निर्देशन में हुई इस बैठक में चेतावनी महारैली के सात संकल्पों पर चर्चा की गई। इन संकल्पों में पदोन्नति विसंगति दूर करना, 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान लागू करना, और वेतन विसंगति को समाप्त कर केंद्र के समान वेतनमान स्वीकृत करवाना शामिल है। ट्रांसफर नीति जारी करने की मांग अन्य प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन योजना की सुरक्षा सुनिश्चित करना, संविदा एवं मानदेय कार्मिकों का नियमितीकरण, पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी करना और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादला करवाना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों के निजीकरण को बंद करने तथा कर्मचारियों के मान-सम्मान व स्वाभिमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया। हजारों कर्मचारी रहे शामिल महासंघ के प्रताप सिंह सैनी ने बताया कि चेतावनी महारैली में महासंघ से संबद्ध सभी घटक संगठनों के हजारों पदाधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे। विक्रम चनेजा और रामूतर गुर्जर ने कहा कि लाखों कर्मचारी इन सात संकल्पों के प्रस्ताव पर राज्य सरकार से अनुमोदन चाहते हैं। इस बैठक में अनेक कर्मचारी उपस्थित रहे।
कोटपूतली में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ की ओर से 12 जनवरी को जयपुर में होने वाली चेतावनी महारैली की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई। यह बैठक महासंघ की जिला शाखा कोटपूतली-बहरोड़ द्वारा जिला मुख्यालय स्थित पंचायत समिति में हुई।
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महारैली के सात संकल्पों पर चर्चा महासंघ के जिला संयोजक बाबूलाल गुर्जर ने बताया कि प्रताप सिंह सैनी के निर्देशन में हुई इस बैठक में चेतावनी महारैली के सात संकल्पों पर चर्चा की गई। इन संकल्पों में पदोन्नति विसंगति दूर करना, 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान लागू करना, और वेतन विसंगति को समाप्त कर केंद्र के समान वेतनमान स्वीकृत करवाना शामिल है।
ट्रांसफर नीति जारी करने की मांग अन्य प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन योजना की सुरक्षा सुनिश्चित करना, संविदा एवं मानदेय कार्मिकों का नियमितीकरण, पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी करना और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादला करवाना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों के निजीकरण को बंद करने तथा कर्मचारियों के मान-सम्मान व स्वाभिमान की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया गया।