राजस्थान का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार:135 करोड़ की लागत से बनास नदी पर बनाया, अधिकारी बोले- कनेक्टिविटी बढ़ेगी, समय बचेगा
राजस्थान का सबसे लंबा पुल बनकर तैयार हो गया है। इसे टोंक में बनास नदी पर चार साल में बनाया गया है। नए साल में इसकी ऑफिशियल सौगात मिल सकती है। हालांकि गाड़ियों की आवाजाही पुल से चालू हो गई है। टोंक में गेहलोद गांव के पास बनास नदी पर 134.7 करोड़ की लागत से गहलोद हाई लेवल ब्रिज नाम से बना यह पुल 51 पिलरों पर टिका है, जिसकी लंबाई 2 किलोमीटर और चौड़ाई 13 मीटर है। 12 फीट का फुटपाथ है। इसकी एप्रोच सड़क 1350 मीटर है। यानि कि एप्रोच सड़क को मिलाकर इसकी लंबाई सवा 3 किमी से ज्यादा (3.1350 किमी) है। इसके कारण यह राजस्थान का सबसे बड़ा पुल बन गया है। अब रपट पर पानी आने पर भी बंद नहीं होगी आवाजाही सार्वजनिक निर्माण विभाग के XEN दीन मोहम्मद ने बताया कि टोंक, टोडारायसिंह, मालपुरा, पीपलू तहसील क्षेत्र की करीब दस लाख की आबादी का बनास नदी के ऊपर से सीधे परिवहन का जुड़ाव होगा। पहले बनास नदी में पानी ज्यादा आने पर नदी में बने रपटे पर आवागमन बंद हो जाता था। फिर टोंक में आने जाने और टोंक से मालपुरा, पीपलू, टोडारायसिंह तहसील क्षेत्र में जाने के लिए 20 से 30 किमी अधिक दूरी तय कर सोहेला होकर जाना पड़ता था। अब यह पुल बनने से यह अतिरिक्त सफर बच जाएगा। कई किलोमीटर की दूरी कम होगी टोंक जिला मुख्यालय पर आने जाने पर 10 से 30 किलोमीटर की दूरी कम होगी, क्योंकि अभी इन दोनों क्षेत्र के लोग कार या अन्य साधनों से सोहेला होते हुए टोंक शहर में आ पाते थे। अब यह पुल बनने से टोंक की दूरी कम हो सकेगी जाएंगे। वहीं टोंक की कनेक्टिविटी भी सीधे अजमेर शहर समेत जिले के इन तीन तहसील क्षेत्र के गांवों से हो जाएगी। चंबल और झरेल नदी पर बने पुल से भी बड़ा है अभी तक राजस्थान का सबसे लंबा पुल कोटा जिले में बूंदी को जोड़ने वाला गेंता माखीदा पुल (Gainta Makhida Bridge) है, जो कोटा में चंबल नदी पर बना है और इसकी लंबाई करीब 1562 मीटर (लगभग 1.5 किलोमीटर) है। यह बूंदी और कोटा को जोड़ता है। हालांकि, झरेल नदी पर इससे ज्यादा लंबाई 1880 मीटर लंबा एक नया पुल बन रहा है, लेकिन वह भी टोंक के इस पुल से थोड़ा छोटा है। इसके अलावा जयपुर में भारत जोड़ो सेतु 2.8 किमी का सबसे लंबा फ्लाईओवर है, लेकिन यह नदी पर नहीं है। जबकि टोंक में सबसे लंबाई का पुल गहलोद हाई लेवल ब्रिज ही है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता एचएल मीणा ने बताया कि इसका काम पूरा हो गया है। इसका नए साल में अधिकृत रूप से उद्घाटन की तारीख निर्धारित कर परिवहन सुचारू कर दिया जाएगा। रोड टेस्ट के बाद शुरू कर दिया जाएगा सार्वजनिक निर्माण विभाग के XEN दीन मोहम्मद ने बताया कि यह पुल केंद्र और राज्य सरकार के फंड से चार साल में बना है। 2021 में इसकी स्वीकृति मिली थी। आज ही इसका काम पुरा हुआ है। नए साल में इसका रोड टेस्ट करके इस पर आवागमन सुचारू रूप से शुरू कर दिया जाएगा। वैसे लोग अभी कुछ दिन से इस पर होकर निकल रहे है। टोंक के विनोद शर्मा ने बताया कि इस पुल की काफी लंबे समय से मांग थी। चार पहले यह पुल बनाना शुरू किया था। अब बनकर तैयार हो गया है। इससे आधा जिले के लोगों के लिए तो यह पुल मिल का पत्थर साबित होगा। परिवहन सुविधा बेहतर होगी।