ग्राम गुलर सहकारी समिति में 14 लाख का गबन:तत्कालीन व्यवस्थापक और सह-व्यवस्थापक गिरफ्तार
डीडवाना-कुचामन पुलिस ने ग्राम गुलर सहकारी समिति में 14 लाख रुपए के गबन मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में समिति के तत्कालीन व्यवस्थापक दुर्गाराम और सह-व्यवस्थापक नोरतमल उर्फ नोरतराम शामिल हैं। पुलिस ने सह-व्यवस्थापक नोरतमल को महाराष्ट्र के जलगांव से पकड़ा। आरोपियों को पीलवा थानाधिकारी महीराम विश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम ने गिरफ्तार किया। इस मामले में 5 मार्च 2025 को परिवादी दुर्गाराम खटकड़ ने परबतसर की एसीजेएम कोर्ट में इस्तगासा दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ग्राम गुलर सहकारी समिति के सह-व्यवस्थापक नोरतमल उर्फ नोरतराम ने समिति सदस्यों से करीब 14 लाख रुपए की राशि वसूली, लेकिन उसे बैंक में जमा नहीं कराया और सरकारी धन का गबन किया। इस्तगासा के आधार पर पीलवा पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान आरोप सही पाए गए, जिसके बाद इस षड्यंत्र में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दुर्गाराम खटकड़ (61) पुत्र पीराराम, निवासी रामसरी, थाना डेगाना, जिला नागौर के रूप में हुई है। वह दी नागौर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शाखा जावला (ग्राम गुलर) के तत्कालीन व्यवस्थापक थे। दूसरा आरोपी नोरतमल उर्फ नोरतराम (44) पुत्र मोडूराम, निवासी गुलर, थाना बडू है, जो इसी बैंक शाखा का तत्कालीन सह-व्यवस्थापक था। इस कार्रवाई को अंजाम देने वाली पुलिस टीम में थानाधिकारी महीराम विश्नोई, हेड कॉन्स्टेबल दयाराम, कॉन्स्टेबल रविन्द्र, गिरधारी और ओमप्रकाश शामिल थे।
डीडवाना-कुचामन पुलिस ने ग्राम गुलर सहकारी समिति में 14 लाख रुपए के गबन मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में समिति के तत्कालीन व्यवस्थापक दुर्गाराम और सह-व्यवस्थापक नोरतमल उर्फ नोरतराम शामिल हैं। पुलिस ने सह-व्यवस्था
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आरोपियों को पीलवा थानाधिकारी महीराम विश्नोई के नेतृत्व में गठित टीम ने गिरफ्तार किया। इस मामले में 5 मार्च 2025 को परिवादी दुर्गाराम खटकड़ ने परबतसर की एसीजेएम कोर्ट में इस्तगासा दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि ग्राम गुलर सहकारी समिति के सह-व्यवस्थापक नोरतमल उर्फ नोरतराम ने समिति सदस्यों से करीब 14 लाख रुपए की राशि वसूली, लेकिन उसे बैंक में जमा नहीं कराया और सरकारी धन का गबन किया।
इस्तगासा के आधार पर पीलवा पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच के दौरान आरोप सही पाए गए, जिसके बाद इस षड्यंत्र में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।