साल के अंतिम मंगलवार मेहंदीपुर धाम में श्रद्धालुओं की भीड़:आरती से दोपहर तक दर्शन के लिए लगी लाइन; 150 जवान जिलों में संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था
सिद्धपीठ मेहंदीपुर धाम में साल 2025 के अंतिम मंगलवार पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। सोमवार शाम से ही देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। मंगलवार सुबह आरती के समय मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से भरा नजर आया। सुरक्षा के लिहाज से दौसा और करौली जिले की पुलिस के करीब 150 जवान तैनात रहेंगे। यातायात को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भी लगाया गया है। मंदिर परिसर से सड़क तक भीड़ उदयपुरा तिराहे से टोडाभीम रोड पोस्ट ऑफिस तक मंदिर के सामने के पूरे परिसर में पैर रखने तक की जगह नहीं बची। आरती के बाद श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर दर्शन किए। दोपहर तक लंबी कतारें लगी रहीं और श्रद्धालु धैर्यपूर्वक अपनी बारी का इंतजार करते रहे। पहले देखें बालाजी मंदिर की फोटो: जयकारों के बीच बालाजी के दर्शन श्रद्धालुओं ने कतार में जयकारे लगाते हुए मंदिर में प्रवेश किया और स्वयंभू बालाजी महाराज, भैरवबाबा, प्रेतराज सरकार, समाधी वाले बाबा, सीताराम दरबार और राधा कृष्ण भगवान के दर्शन किए। दर्शन के साथ श्रद्धालुओं ने अर्जी लगाई और सवामणी का प्रसाद चढ़ाकर परिवार की खुशहाली की कामना की। राजभोग प्रसादी का वितरण महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज के सान्निध्य में मंदिर ट्रस्ट की ओर से दर्शन के लिए पहुंचे प्रत्येक श्रद्धालु को राजभोग प्रसादी वितरित की गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर ट्रस्ट के सुरक्षा गार्डों के साथ पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा। नए साल को लेकर सजावट कार्य जारी नए साल को देखते हुए बालाजी मंदिर और सीताराम मंदिर में सजावट का कार्य किया जा रहा है। मंदिर हॉल को रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। साथ ही स्वागत द्वार और थ्रीडी लाइट्स से आकर्षक सजावट को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 150 जवान संभालेंगे सुरक्षा व्यवस्था नए साल पर श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने व्यवस्थाएं मजबूत की हैं। मुख्य बाजार क्षेत्र में व्यवस्था दुरुस्त की गई है। सुरक्षा के लिहाज से दौसा और करौली जिले की पुलिस के करीब 150 जवान तैनात रहेंगे। यातायात को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस जाप्ता भी लगाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इंतजाम मंदिर ट्रस्ट के सचिव एमके माथुर ने बताया कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंदिर परिसर में आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।