17 साल से 33 कैडर के संविदा पर काम कर रहे 4,518 कर्मचारियों को नियमित होने का इंतजार
प्रदेश में पिछले 17 साल से अपने खुद के जिले को छोड़कर अन्य जिलों में 33 कैडर के 4518 एनएचएम प्रबंधकीय संविदा कर्मचारी जैसे लेखा सहायक, सेक्टर हैल्थ सुपरवाइजर, ब्लॉक हैल्थ सुपरवाइजर एवं प्रोगाम मैनेजर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, आयुर्वेद ऑफिसर, नर्स, जूनियर सांख्यिकी सहायक आदि को नियमित होने का इंतजार है। संविदा पर सालों से काम कर रहे 500 से ज्यादा कर्मचारी नियमित होने का इंतजार कर रहे हैं। सरकार काम तो नियमित कर्मचारियों की तरह करवा रही, लेकिन सुविधा एवं परिलाभ नहीं दे रही। सेवा नियम बनाने के नाम पर नियमितीकरण की फाइल भी वित्त विभाग में घूम रही है। पिछले तीन माह में चिकित्सा विभाग में ही सेवाएं दे रहे बीकानेर एवं अलवर के लेखा सहायक, राजसमंद के डाटा एंट्री ऑपरेटर की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री, चिकित्सा सचिव, मिशन निदेशक ( नेशनल हैल्थ मिशन) और 50 से ज्यादा विधायकों से नियमित के लिए गुहार लगाने के बाद आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिन कर्मचारियों की सेवाएं दस साल की हो चुकी है, उन्हें नियमित कर दिया है। 3271 कर्मचारियों की उम्र 41 से 50 नियमित नहीं होने का असर {स्वास्थ्य विभाग में सेवा देने के बावजूद खुद के इलाज के लिए मोहताज हो रहे। {बच्चों को अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं देने से वंचित। {कर्मचारी रिटायर हो पर किसी तरह का लाभ-परिलाभ नहीं। {किसी कर्मचारी की मौत होने पर न तो आर्थिक लाभ और ना ही अनुकंपा नियुक्ति मिल रही। 650 कर्मचारी 51 से 60 वर्ष के सेवा नियम बनाने के नाम पर प्रकिया पर लगा रखी है रोक
प्रदेश में पिछले 17 साल से अपने खुद के जिले को छोड़कर अन्य जिलों में 33 कैडर के 4518 एनएचएम प्रबंधकीय संविदा कर्मचारी जैसे लेखा सहायक, सेक्टर हैल्थ सुपरवाइजर, ब्लॉक हैल्थ सुपरवाइजर एवं प्रोगाम मैनेजर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, आयुर्वेद ऑफिसर, नर्स, जूनियर स
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सरकार काम तो नियमित कर्मचारियों की तरह करवा रही, लेकिन सुविधा एवं परिलाभ नहीं दे रही। सेवा नियम बनाने के नाम पर नियमितीकरण की फाइल भी वित्त विभाग में घूम रही है। पिछले तीन माह में चिकित्सा विभाग में ही सेवाएं दे रहे बीकानेर एवं अलवर के लेखा सहायक, राजसमंद के डाटा एंट्री ऑपरेटर की मौत हो चुकी है। मुख्यमंत्री, चिकित्सा मंत्री, चिकित्सा सचिव, मिशन निदेशक ( नेशनल हैल्थ मिशन) और 50 से ज्यादा विधायकों से नियमित के लिए गुहार लगाने के बाद आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिन कर्मचारियों की सेवाएं दस साल की हो चुकी है, उन्हें नियमित कर दिया है।