खाद्य सुरक्षा योजना: 18% से अधिक लाभार्थियों ने स्वेच्छा से नाम कटवाया
प्रदेश में अब तक करीब 80 लाख लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा है जबकि 72 लाख नए जरूरतमंद लोगों को योजना से जोड़ा गया है। प्रदेश में करीब 18 से 20 प्रतिशत लोगों ने खाद्य सुरक्षा छोड़ी है। वर्तमान में करीब 11 लाख आवेदन लंबित हैं। इनका जल्द निपटारा किया जाएगा। खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने इन आंकडों की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की गैस सिलेंडर सब्सिडी छोड़ने की अपील के बाद देशभर में जनभागीदारी का वातावरण बना था। उसी तर्ज पर राजस्थान में भी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बड़ी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से यह लाभ छोड़ा। इससे नए पात्र लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जा सका। गौरतलब है कि इस अभियान का मकसद वास्तविक जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सकें । इसी के चलते 2024 में इसकी शुरुआत की गई थी। ये आंकड़े महत्वपूर्ण } जयपुर: 2,06,596 लोगों ने योजना छोड़ी है, जो सबसे अधिक है। } डूंगरपुर: 86,337 लोगों ने छोड़ी है, जिससे 3,679 क्विंटल गेहूं की बचत हुई है। } राजसमंद: 80,332 जिससे 94,400 पात्र परिवारों को योजना में शामिल किया जा रहा है। } टोंक: 1.10 लाख लोगों ने योजना छोड़ी है, जिसमें 50 हजार लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराई और 60 हजार परिवारों ने नाम हटवा लिया है। } सीकर: 95582 से अधिक। } उदयपुर: 92428 से अधिक। } बीकानेर: 88787 से अधिक। } बांसवाड़ा: 86530 से अधिक। } चूरू: 1.25 लाख से अधिक।
प्रदेश में अब तक करीब 80 लाख लोगों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ छोड़ा है जबकि 72 लाख नए जरूरतमंद लोगों को योजना से जोड़ा गया है। प्रदेश में करीब 18 से 20 प्रतिशत लोगों ने खाद्य सुरक्षा छोड़ी है। वर्तमान में करीब 11 लाख आवेदन लंबित हैं। इ
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उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की गैस सिलेंडर सब्सिडी छोड़ने की अपील के बाद देशभर में जनभागीदारी का वातावरण बना था। उसी तर्ज पर राजस्थान में भी खाद्य सुरक्षा योजना के तहत बड़ी संख्या में लोगों ने स्वेच्छा से यह लाभ छोड़ा। इससे नए पात्र लाभार्थियों को योजना से जोड़ा जा सका। गौरतलब है कि इस अभियान का मकसद वास्तविक जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सकें । इसी के चलते 2024 में इसकी शुरुआत की गई थी।
ये आंकड़े महत्वपूर्ण
} जयपुर: 2,06,596 लोगों ने योजना छोड़ी है, जो सबसे अधिक है।
} डूंगरपुर: 86,337 लोगों ने छोड़ी है, जिससे 3,679 क्विंटल गेहूं की बचत हुई है।
} राजसमंद: 80,332 जिससे 94,400 पात्र परिवारों को योजना में शामिल किया जा रहा है।
} टोंक: 1.10 लाख लोगों ने योजना छोड़ी है, जिसमें 50 हजार लोगों ने ई-केवाईसी नहीं कराई और 60 हजार परिवारों ने नाम हटवा लिया है।
} सीकर: 95582 से अधिक।
} उदयपुर: 92428 से अधिक।
} बीकानेर: 88787 से अधिक।