2 दुर्लभ सांपों की खोज:प्रदेश में पहली बार दर्ज हुई नई प्रजातियां
जिले से राजस्थान के वन्यजीव इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। जिले के शुष्क पर्णपाती वनों से दो अत्यंत दुर्लभ सांपों इंडियन स्मूथ स्नेक (वालोफिस ब्राकियुरा) और स्लेंडर कोरल स्नेक (कैलियोफिस मिलेनुरस) की पहली बार पहचान दर्ज की गई है। इस खोज के साथ ही राजस्थान में सांपों की ज्ञात प्रजातियों की संख्या बढ़कर 45 हो गई है। यह उपलब्धि स्थानीय सर्पमित्रों, वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसे अब भारत के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ थ्रेटंड टैक्सा में प्रकाशित भी किया जा चुका है। संपूर्ण विश्व में केवल भारत में पाए जाने वाले इंडियन स्मूथ स्नेक की खोज प्रतापगढ़ जिले में होना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है। यह सांप मार्च 2024 में प्रतापगढ़ के सर्पमित्र बीएल मेघवाल को एक घर से रेस्क्यू के दौरान मिला।
जिले से राजस्थान के वन्यजीव इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है। जिले के शुष्क पर्णपाती वनों से दो अत्यंत दुर्लभ सांपों इंडियन स्मूथ स्नेक (वालोफिस ब्राकियुरा) और स्लेंडर कोरल स्नेक (कैलियोफिस मिलेनुरस) की पहली बार पहचान दर्ज की गई है। इस खो
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यह उपलब्धि स्थानीय सर्पमित्रों, वन्यजीव प्रेमियों और शोधकर्ताओं के समन्वित प्रयासों का परिणाम है, जिसे अब भारत के प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ थ्रेटंड टैक्सा में प्रकाशित भी किया जा चुका है। संपूर्ण विश्व में केवल भारत में पाए जाने वाले इंडियन स्मूथ स्नेक की खोज प्रतापगढ़ जिले में होना अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है। यह सांप मार्च 2024 में प्रतापगढ़ के सर्पमित्र बीएल मेघवाल को एक घर से रेस्क्यू के दौरान मिला।