गोविंदगढ़ में ट्रन से कटकर 20 बकरियों की मौत:प्रयागराज-एक्सप्रेस की चपेट में आने से हादसा हुआ, परिवार के जीवनयापन का एकमात्र साधन था
अलवर जिले के गोविंदगढ़ कस्बे में एक ट्रेन से कटकर 20 बकरियों की मौत हो गई, जबकि 3 गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना रेलवे पुलिया नंबर LHS 68 के पास प्रयागराज एक्सप्रेस की चपेट में आने से हुई। कोहरे की वजह से नहीं दिखी ट्रेन जानकारी के अनुसार, यह हादसा सुबह लगभग 11 बजे हुआ। उस समय क्षेत्र में घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता कम थी। चरवाहा महेंद्र सैनी बनखंडी मंदिर के पास मैदान में अपनी बकरियां चरा रहा था। कम दृश्यता के कारण बकरियां चरते-चरते अचानक रेलवे लाइन पर पहुंच गईं। इसी दौरान तेज रफ्तार प्रयागराज एक्सप्रेस वहां से गुजरी और बकरियां उसकी चपेट में आ गईं। चरवाहे के जीवनयापन का एकमात्र साधन था चरवाहे महेंद्र सैनी ने बताया- ये बकरियां ही उसके परिवार के जीवनयापन का एकमात्र साधन थीं। वह इन्हें बेचकर और इनका दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाता था। कोहरे के कारण उसे ट्रेन आने का आभास नहीं हुआ। इस मामले में अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
अलवर जिले के गोविंदगढ़ कस्बे में एक ट्रेन से कटकर 20 बकरियों की मौत हो गई, जबकि 3 गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना रेलवे पुलिया नंबर LHS 68 के पास प्रयागराज एक्सप्रेस की चपेट में आने से हुई।
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कोहरे की वजह से नहीं दिखी ट्रेन
जानकारी के अनुसार, यह हादसा सुबह लगभग 11 बजे हुआ। उस समय क्षेत्र में घना कोहरा छाया हुआ था, जिससे दृश्यता कम थी। चरवाहा महेंद्र सैनी बनखंडी मंदिर के पास मैदान में अपनी बकरियां चरा रहा था। कम दृश्यता के कारण बकरियां चरते-चरते अचानक रेलवे लाइन पर पहुंच गईं। इसी दौरान तेज रफ्तार प्रयागराज एक्सप्रेस वहां से गुजरी और बकरियां उसकी चपेट में आ गईं।
चरवाहे के जीवनयापन का एकमात्र साधन था
चरवाहे महेंद्र सैनी ने बताया- ये बकरियां ही उसके परिवार के जीवनयापन का एकमात्र साधन थीं। वह इन्हें बेचकर और इनका दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाता था। कोहरे के कारण उसे ट्रेन आने का आभास नहीं हुआ। इस मामले में अभी तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।