200 किमी की पालिताणा से गिरनारजी पदयात्रा में 100 साधु-साध्वी, 1000 भक्त
भास्कर न्यूज|ब्यावर पालिताणा से गिरनारजी तक करीब 200 किलोमीटर की भव्य एवं तप मय पदयात्रा का आगाज नववर्ष के साथ होगा। यह पदयात्रा परम पूज्य आचार्य श्री रश्मि रत्न सूरीजी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न होगी। इस धार्मिक यात्रा में करीब 100 साधु-साध्वियों का सान्निध्य प्राप्त होगा, जो इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और अनुशासन से परिपूर्ण बनाएगा। यह आयोजन ‘6-रि पालित संघ संघवी सुखी बाबू संघोत्सव’ के तत्वावधान में आयोजित होगा। इसमें ब्यावर के श्रावक-श्राविकाओं समेत देश के विभिन्न स्थानों से भी यात्री भाग लेंगे। पदयात्रा कुल 15 दिनों की होगी, जिसमें प्रतिदिन 12 से 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा की जाएगी। यात्रा की विशेषता है कि हर दिन संघ का प्रवास जहां होगा वहां ऐसा प्रतीत होगा, जैसे कोई छोटा गांव बसा हो। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी धर्म, साधना और संस्कारों का संदेश पहुंचेगा। इस संघ में लगभग 1000 यात्री भाग लेंगे, जिनकी सेवा, व्यवस्था एवं अनुशासन के लिए करीब 1000 सेवाकर्मी भी साथ रहेंगे। ब्यावर से यात्रा में शामिल होने वाले यात्री : ब्यावर से यात्रा में शामिल होने वाले पारसमल जैन, धनसुख राज, विशाल नाहर, मनीष टेलर, आर्यन गदिया, यश मांडोत, शकुंतला भंडारी, शालू मूथा, इशू नाहर, शैफाली गेल्डा, वंदना नाहर, दीपाली गदिया, ऐश्वर्या गदिया, चाहत कटारिया, विरांगी गन्ना आदि शामिल है। वे ब्यावर से ट्रेन से पालिताणा के लिए रवाना हुए। उन्होंने यात्रा से पूर्व शांतिनाथ मंदिर में आरती भक्ति कर दादा गुरुदेव का आशीर्वाद लिया। इस मौके पर यात्रियों का श्री तपागच्छ मूर्तिपूजक संघ ब्यावर द्वारा बहुमान कर विजय तिलक लगाई विदाई दी गई। स्वागत करने वालों में वरिष्ठ सदस्य उपाध्यक्ष राजू भाई जालोरी, मंत्री, प्रेम कुमार मूथा, ज्ञानचंद गादिया, पंकज गादिया, कमलेश कटारिया, कपिल मुणोत, राजू भाई गादिया, सुनील मेहता, अंकित गन्ना, पवन मूथा, जैन सोश्यल ग्रुप एमरॉल्ड के मंत्री अजय डोसी, दिनेश सांखला, राजेश सांखला सहित अन्य श्रावक-श्राविकाएं शामिल थी। यात्रियों के बहुमान कार्यक्रम के दौरान एडवोकेट पंकज गादिया ने कहा कि पालिताणा से गिरनारजी तक की यह पदयात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है बल्कि जैन धर्म की तपस्या, अनुशासन, सामूहिक साधना और अहिंसा की परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है। 6-रि पालित संघ के 6 नियम की पालना करनी होगी ‘6-रि पालित संघ’ का मूल उद्देश्य आत्मसंयम, तप, त्याग और अनुशासन को जीवन में आत्मसात करना है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस यात्रा के दौरान छह कठोर नियमों का पालन अनिवार्य रहेगा। इनमें केवल पैदल चलना (पदाचारी), जमीन पर सोना (संथारा पर शयन), एक समय भोजन (एकासना), ब्रह्मचर्य का पालन, अभक्ष्य पदार्थों का त्याग विशेषकर जमीकंद का त्याग और कच्चे पानी का पूर्ण त्याग शामिल है। इन नियमों के माध्यम से यात्रियों को साधना, संयम और आत्मशुद्धि की दिशा में प्रेरित किया जाएगा।