हनुमानगढ़ में शहीदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित:गुरमत ज्ञान परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 21 सेवादार सम्मानित
हनुमानगढ़ टाउन की इंदिरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा कलगीधर दरबार साहिब में दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संगत ने गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और श्रद्धासुमन अर्पित किए। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह श्री अखंड पाठ के भोग के साथ हुई। इसके बाद हेड ग्रंथी बाबा वजीर सिंह एवं बाबा दिलीप सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष शहर की सुख-शांति, भाइचारे और समृद्धि के लिए अरदास की। शहीदी दिवस के मौके पर चार साहिबजादों की महान शहादत को स्मरण करते हुए गुरमत ज्ञान परीक्षा 2025 का आयोजन किया गया था। इस परीक्षा में बच्चों एवं युवाओं ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और गुर इतिहास व सिख सिद्धांतों से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देकर अपनी धार्मिक समझ का परिचय दिया। इस दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 21 सेवादारों को गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। गुरुद्वारा कलगीधर दरबार प्रबंध समिति के अध्यक्ष जसवीर सिंह ने संगत को संबोधित करते हुए कहा कि दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह ने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनकी यह शहादत केवल सिख इतिहास ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने बताया कि शहादत सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न धार्मिक व शिक्षाप्रद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी गुरु साहिब के आदर्शों से प्रेरणा ले सके। इस मौके पर धर्म प्रचार कमेटी के प्रधान सुरजीत सिंह वजीरपुरिया ने कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में धार्मिक चेतना, एकता और सेवा भाव को मजबूती मिलती है। कार्यक्रम के दौरान गुरु का लंगर अटूट वितरित किया गया।
हनुमानगढ़ में शहीदी दिवस पर संगत ने गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका और श्रद्धासुमन अर्पित किए।
हनुमानगढ़ टाउन की इंदिरा कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा कलगीधर दरबार साहिब में दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों के शहीदी दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संगत ने गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्
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कार्यक्रम की शुरुआत सुबह श्री अखंड पाठ के भोग के साथ हुई। इसके बाद हेड ग्रंथी बाबा वजीर सिंह एवं बाबा दिलीप सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष शहर की सुख-शांति, भाइचारे और समृद्धि के लिए अरदास की।