तमिलनाडु: निजी ज़मीन पर बनी 220 फीट लंबी दीवार को 'छुआछूत' से जोड़ने का विवाद - ग्राउंड रिपोर्ट
ज़मीन के मालिक ने अनुसूचित जाति की बस्ती की ओर 10 फ़ीट ऊंची दीवार बनाई है. बस्ती के लोगों का कहना है कि ये उन्हें अलग दिखाने के लिए बनाई गई है क्योंकि बाकी दोनों तरफ़ ऐसी दीवार नहीं है.

इमेज कैप्शन, ओलैपट्टी गाँव में निजी ज़मीन पर दस फीट ऊंची और 220 फीट लंबी की दीवार को लेकर विवाद हो रहा है
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- Author, पी शिवसुब्रमण्यम
- पदनाम, बीबीसी तमिल के लिए
- 27 दिसंबर 2025
तमिलनाडु के सलेम ज़िले के ओमलूर तालुका, तोलसंपट्टी पुलिस स्टेशन सीमा में पड़ने वाला ओलैपट्टी गाँव इन दिनों सुर्खियों में है.
इस गाँव में एक व्यक्ति की ज़मीन पर दो फीट चौड़ी, दस फीट ऊँची और 220 फीट लंबी कंक्रीट की एक दीवार बनाई गई है.
एक पक्ष का कहना है कि यह 'छुआछूत की दीवार' है जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि यह मवेशी फार्म बनाने के लिए सुरक्षा दीवार है.
ज़मीनी हालात जानने के लिए बीबीसी तमिल ने ओलैपट्टी का दौरा किया.
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हज़ार घरों वाले ओलैपट्टी में अनुसूचित जाति के लोगों के सौ से भी कम परिवार हैं.
'हवा के लिए रास्ता छोड़ दो'

इमेज कैप्शन, सेवानिवृत्त स्वास्थ्यकर्मी धनम कहती हैं कि उन्होंने इतनी ऊंची दीवार बनाने से मना किया था
40 साल पहले गांव के पूर्वी हिस्से में 1.98 एकड़ ज़मीन राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति के लोगों को घर बनाने के लिए आवंटित की थी. तीन गलियों वाले इस इलाक़े में 40 परिवार रहते हैं.
इस बस्ती के पीछे चंद्रशेखर की एक एकड़ ज़मीन है और दाहिनी ओर पलनीसामी की एक एकड़ ज़मीन है.
दो साल पहले पलनीसामी ने दाहिनी ओर की ज़मीन ख़रीदी और कहा कि वह वहां मवेशी फार्म बनाएंगे. इसके बाद उन्होंने अनुसूचित जाति की बस्ती और अपनी ज़मीन के बीच एक विशाल दीवार खड़ी कर दी.
सेवानिवृत्त स्वास्थ्य विभाग कर्मचारी धनम इस बारे में बताती हैं, 'हमने यह कहा था कि हवा आने का रास्ता छोड़ दीजिए. इतनी बड़ी दीवार मत बनाइए. हमारे इलाक़े के घरों तक हवा भी नहीं आएगी. जैसे सामान्य चारदीवारी होती है, वैसे ही पांच या छह फीट ऊंचाई की दीवार बनाइए और ऊपर जाली लगा लीजिए."
वह कहती हैं, "लेकिन उन्होंने कहा कि वास्तु के हिसाब से दस फीट ऊंची दीवार बनानी ज़रूरी है और इतनी बड़ी दीवार खड़ी कर दी. ज़मीन के दोनों ओर पलनीसामी ने तार की बाड़ लगाई है, लेकिन अनुसूचित जाति के लोगों के इलाक़े की तरफ़ ही दीवार बनाकर रोका है. हम इसे अपमानित करने वाली हरकत मानते हैं."
'वे कृषि भूमि पर कचरा फेंक रहे थे'

इमेज कैप्शन, इस ज़मीन के मालिक पलानीसामी हैं
ये दीवार बनाने वाले ज़मीन मालिक पलनीसामी से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा, "लोग खेती की ज़मीन में कचरा डालते हैं."
उन्होंने कहा, "मैंने यह ज़मीन ख़रीदी थी कि अपने दो बेटों के लिए कोई काम शुरू कर दूं. मैं यहाँ खेती कर रहा था लेकिन बस्ती के लोग नैपकिन, घर का कचरा, ख़ाली बोतलें - सब कुछ खेती की ज़मीन में फेंक देते हैं. फ़सल कटाई के समय इस सब कचरे को साफ़ करना बहुत मुश्किल हो जाता है."

