पीतल को सोना बताकर बेचा, आरोपी कर्नाटक से गिरफ्तार:23 लाख में 30 तोला नकली सोना बेचते थे, कई राज्यों में कर चुके वारदात
भीलवाड़ा की प्रतापनगर थाना पुलिस ने पीतल की माला को असली सोने की बताकर कम दामों में बेचने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी में शामिल गिरोह के आरोपी को कर्नाटक से गिरफ्तार किया है। अंतरराज्यीय ठग गिरोह में शामिल इस आरोपी ने प्रतापनगर थाना क्षेत्र में पांच महीने पहले एक व्यक्ति से ठगी करते हुए 23 लाख रुपए लेकर 30 तोला नकली सोना बेचा था। ये गिरोह राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक में कई ठगी कर चुका है। एसपी धर्मेंद्रसिंह यादव ने बताया कि 21 जुलाई को भीलवाड़ा मिलन टॉकीज के पास रहने वाले व्यापारी अभिषेक असावा को आरोपी जालौर के बागरा थाना क्षेत्र निवासी खीमाराम बागरी और उसके साथियों ने खुद को साधारण मजदूर बताते हुए पुराने राजाओं के समय का सोना होने का दावा किया। जांच के दौरान माला में कुछ हिस्से असली सोने के दिखाकर विश्वास में लिया गया और 29 जुलाई को कुंभा सर्किल पर 23 लाख रुपए लेकर नकली सोने की थैली थमा दी गई। बाद में जांच में पूरा सोना पीतल निकला। आरोपी को कर्नाटक से पकड़ा इस संबंध में थाना प्रतापनगर में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई। एएसपी मुख्यालय पारस जैन एवं सीओ सिटी सज्जनसिंह के सुपरविजन और प्रतापनगर सीआई राजपाल सिंह के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने आरोपी खीमाराम बागरी को कर्नाटक से दस्तयाब कर गिरफ्तार किया। इस वारदात में मोहनलाल बागरी, वेलाराम बागरी, केशी बागरी और अनिल बागरी भी शामिल थे। पुराना सोना बताकर नकली थमा देते गिरोह में शामिल ठग राजा-महाराजा के समय का सोना सस्ता देने का झांसा देते। ये ठग पुराना सोना लगभग आधी रेट में देने की बात कहते हुए माला या पुराने गहने दिखाते। इसमें कुछ असली सोने के मोती लगाकर जांच में पास करवाकर विश्वास जीतते। भीड़-भाड़ वाली जगह बुला रुपए लेकर पीतल को सस्ते दाम में बेच फरार हो जाते थे। कई जगह दिया वारदात को अंजाम आरोपी खीमाराम बागरी ने बालोतरा, उज्जैन, पुणे, बारां, छीपाबड़ौद, बीगोद और भीलवाड़ा में मेडिकल, किराना, कपड़ा और हार्डवेयर व्यापारियों से नकली सोना बेचकर लाखों रुपए ऐंठ चुके हैं। गिरोह में महिला व नाबालिग भी हैं।ये फूल, गमले या अन्य सामान बेचने के बहाने लोगों को निशाना बनाते थे।