माली समाज ने खनन विरोधी आंदोलन को दिया समर्थन:रोई भीतरोट परगना ने 28 जनवरी के महाआंदोलन को पूर्ण समर्थन दिया
पिण्डवाड़ा तहसील में प्रस्तावित कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड की खनन परियोजना के विरोध में चल रहे जन आंदोलन को माली समाज रोई भीतरोट परगना का समर्थन मिला है। समाज ने आगामी 28 जनवरी को होने वाले महाआंदोलन में पूरी मजबूती के साथ भाग लेने का ऐलान किया है। यह निर्णय मंगलवार को ग्राम भारजा में आयोजित माली समाज की आम सभा बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। माली समाज रोई भीतरोट परगना की यह महत्वपूर्ण आम सभा बैठक 30 दिसंबर 2025 को ग्राम भारजा में संपन्न हुई। इसमें समाज के पंच-पटेल, वरिष्ठजन, युवा प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रस्तावित खनन परियोजना से उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार-विमर्श करना और भविष्य की रणनीति तय करना था। सिरोही जिले की पिण्डवाड़ा तहसील के वाटेरा, भीमाना, भारजा और रोहिड़ा ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले लगभग 12 गांव पिछले तीन महीनों से इस खनन परियोजना का लगातार विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कमलेश मेटाकास्ट प्राइवेट लिमिटेड की यह परियोजना क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित होगी। ग्रामीणों के अनुसार, यह परियोजना जलस्रोतों, कृषि भूमि और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाएगी। इससे क्षेत्र की पारिस्थितिकी और आजीविका पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिसके चलते स्थानीय लोग इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। खनन परियोजना को निरस्त कराने के लिए ग्रामीणों द्वारा अब तक प्रशासन और सरकार को कई ज्ञापन सौंपे गए हैं। साथ ही, शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन भी किए गए हैं। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे क्षेत्रवासियों में निराशा और आक्रोश लगातार बढ़ रहा है। पर्यावरण और जनजीवन पर मंडरा रहा खतरा माली समाज के वक्ताओं ने कहा कि प्रस्तावित खनन परियोजना से क्षेत्र की जल संरचनाएं प्रभावित होंगी, भूमिगत जल स्तर नीचे जाएगा और खेती पर सीधा असर पड़ेगा। इसके साथ ही धूल, प्रदूषण और भारी वाहनों की आवाजाही से ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जनजीवन पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ने की आशंका है। वक्ताओं ने इसे केवल एक गांव या समाज का नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र का साझा मुद्दा बताया। 28 जनवरी को सर्व समाज का महाआंदोलन बैठक में यह भी बताया गया कि सरकार की अनदेखी से आहत होकर अब क्षेत्र के सर्व समाज — 36 कौम ने मिलकर 28 जनवरी 2025 को सरगामाता मंदिर परिसर के पास एक बड़े जन आंदोलन का निर्णय लिया है। इस आंदोलन में बड़ी संख्या में ग्रामीण, किसान, महिलाएं और युवा भाग लेंगे। माली समाज ने दिया पूर्ण समर्थन आम सभा में माली समाज रोई भीतरोट परगना ने इस महाआंदोलन को पूर्ण समर्थन देने की सर्वसम्मत घोषणा की। समाज ने स्पष्ट किया कि वह न केवल आंदोलन में भाग लेगा, बल्कि हर संभव सहयोग प्रदान करेगा। समाज के पदाधिकारियों ने कहा कि पीड़ित गांवों के इस संघर्ष में माली समाज कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। परगना अध्यक्ष ने की आधिकारिक घोषणा बैठक के अंत में माली समाज रोई भीतरोट परगना के अध्यक्ष ने आधिकारिक रूप से घोषणा करते हुए कहा कि समाज अन्य सभी समाजों के साथ एकजुट होकर इस जनहित के आंदोलन को सफल बनाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने सरकार से भी मांग की कि क्षेत्र की भावनाओं और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए खनन परियोजना को शीघ्र निरस्त किया जाए।
