रेल वन ऐप से अनारक्षित टिकट पर 3 प्रतिशत सीधी छूट
भास्कर एक्सपर्ट रेलवे यात्रियों के लिए नए साल की शुरुआत एक राहत भरी खबर के साथ होने जा रही है। अब अनारक्षित यात्रा करने वाले यात्रियों को टिकट बुकिंग पर भी बचत का फायदा मिलेगा। रेल मंत्रालय ने रेल वन ऐप के माध्यम से अनारक्षित टिकट बुक करने पर 03 प्रतिशत की सीधी छूट देने का निर्णय लिया है। यह सुविधा 14 जनवरी 2026 से अगले छह महीनों तक प्रायोगिक आधार पर लागू की जाएगी। इस पहल से न केवल यात्रियों को आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि डिजिटल टिकटिंग को भी मजबूती मिलेगी। अब तक रेल वन ऐप पर आर-वॉलेट के जरिए टिकट बुक करने पर ही 3 प्रतिशत बोनस कैशबैक मिलता था, लेकिन नई व्यवस्था में सभी डिजिटल भुगतान माध्यमों जैसे यूपीआई, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग से टिकट बुक करने पर यात्रियों को सीधे छूट का लाभ मिलेगा। इससे रोजाना यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को खास फायदा होगा। यदि यह योजना सफल रहती है, तो भविष्य में इसे स्थायी रूप दिया जा सकता है। इससे रेलवे यात्रियों को लगातार सस्ती, तेज और सुविधाजनक टिकटिंग सेवा मिलने की उम्मीद है। डिजिटल सफर की ओर यह कदम यात्रियों और रेलवे दोनों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। डिजिटल इंडिया की दिशा में रेलवे की पहल रेल मंत्रालय द्वारा डिजिटल बुकिंग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से रेल वन ऐप पर अनारक्षित टिकटों पर 3 प्रतिशत छूट देने का निर्णय लिया गया है। यह सुविधा आर-वॉलेट को छोड़कर अन्य सभी डिजिटल भुगतान माध्यमों पर लागू होगी। आर-वॉलेट के जरिए टिकट बुक करने पर पहले की तरह 3 प्रतिशत बोनस कैशबैक मिलता रहेगा। इस योजना की समीक्षा छह माह बाद सीआरआईएस द्वारा की जाएगी। -शशि किरण, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, उपरे, जयपुर क्या बदलेगा रेलयात्रियों के लिए : अब अनारक्षित टिकट बुक करने वाले यात्रियों को लाइन में लगने या नकद भुगतान की झंझट से राहत मिलेगी। डिजिटल माध्यम अपनाने पर टिकट सस्ता भी पड़ेगा और समय की भी बचत होगी। खासकर दैनिक यात्री, छात्र, नौकरीपेशा और छोटे व्यापारी इस सुविधा से सीधे लाभान्वित होंगे। रेलवे का उद्देश्य केशलैस लेन-देन को बढ़ावा देना, टिकट काउंटरों पर दबाव कम करना और यात्रियों को आसान व तेज सेवा देना है। इसके सकारात्मक परिणाम के तौर पर टिकट बुकिंग में पारदर्शिता, डेटा आधारित योजना और बेहतर यात्री अनुभव देखने को मिलेगा। 14 जनवरी 2026 से छह माह तक प्रायोगिक तौर पर लागू होगी नई सुविधा