अरबी-फारसी शोध संस्थान में कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रदर्शन:बोले- 30 साल से नहीं हो रहीं हैं भर्तियां, बंद होने के कगार पर पहुंचा
अरबी-फारसी शोध संस्थान में विभिन्न कर्मचारियों के पद पर भर्ती करने की मांग को लेकर सोमवार को टोंक प्रोग्रेसिव कमेटी कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। बाद में सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इसमें कमेटी की ओर से बताया गया कि विश्व विख्यात मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान में 30 साल से भर्ती नियम के अभाव में भर्तियां नहीं हुई हैं। वर्तमान में 45 में से 8 कार्मिक शेष रहे हैं। यहां पर जब तक नए नियम नहीं बने, तब तक पुराने नियमों के आधार पर भर्ती की जाए। संस्थान को बंद होने से बचाना है टोंक प्रोग्रेसिव कमेटी एडवोकेट सरताज अहमद की अगुवाई और मुफ्ती आदिल नदवी की अध्यक्षता में गठित की गई है। इस कमेटी का मुख्य उद्देश्यों में साहित्यकारों की तीर्थ स्थली के रूप में प्रसिद्ध मौलाना अबुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान को बंद होने से बचाना है। इस संबंध में ही उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में शोध संस्थान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उसे राज्य का गौरव एवं देश की शान बताते हुए उसको बचाने की मांग की गई। प्रदेश का गौरव है संस्थान कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि यह संस्थान देश की शान और राजस्थान का गौरव माना जाता है। यहां दुर्लभ हस्तलिखित ग्रंथों, प्राचीन पांडुलिपियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों का अनमोल खजाना संरक्षित है, जिसे देखने और शोध करने के लिए देश-विदेश से विद्वान और शोधार्थी आते हैं। हालांकि, वर्तमान में रिक्त पदों और अन्य चुनौतियों के कारण संस्थान बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। यदि ऐसा हुआ तो कला, साहित्य और सांस्कृतिक विरासत को अपूरणीय क्षति पहुंचेगी। 1978 में स्थापित हुआ था इस मौके बताया कि यह संस्थान 1978 में स्थापित हुआ था। इसमें हजारों दुर्लभ अरबी-फारसी सहित कई भाषाओं की पांडुलिपियां, मुद्रित पुस्तकें, फरमान और ऐतिहासिक अभिलेख संरक्षित हैं। हाल के वर्षों में डिजिटाइजेशन और संरक्षण के प्रयास हुए हैं, लेकिन स्टाफ की कमी जैसी समस्याएं बनी हुई हैं। कमेटी का गठन इस विरासत को बचाने एवं उसके महत्व की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। स्थानीय नागरिकों और बुद्धिजीवियों ने इस पहल का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि सरकार शीघ्र इस पर ध्यान देगी। ज्ञापन देने वालों में सरताज अहमद, मुफ्ती आदिल नदवी, मोहम्मद हारून, अलमान खान, ओसाफ खान, आमिर फारूख, मोहसीन रशीद खान, अमजदुल्लाह खान, जफर रजा, अफरोज सरताज, हुसैन कायमखानी, अहसान बाबा, अब्दुल कवी खान कई लोग मौजूद रहे।
