30 क्विंटल दाल के बड़े और 5.30 क्विंटल सूजी के हलवे का हनुमानजी को लगाया भोग
शहर में नववर्ष का स्वागत और साल 2025 को विदा करने के लिए बड़ी संख्या में देशभर से पर्यटक गुलाबी नगरी में पहुंच गए हैं। इसका असर शनिवार को खोले के हनुमानजी मंदिर में भी देखने को मिला। देशभर से आए पर्यटकों के साथ ही 50 हजार से अधिक भक्त मंगला से लेकर शयन आरती तक मंदिर पहुंचे। इन भक्तों ने मंदिर में हर शनिवार को बंटने वाला पौष बड़ा प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर में 50 हजार से अधिक दोना प्रसादी बांटी गई। नरवर सेवा आश्रम समिति, खोले के हनुमानजी के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि भक्तों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए लाइनों की विशेष व्यवस्था की गई। हनुमानजी महाराज के साथ ही मंदिर परिसर स्थित सभी मंदिरों में भगवान को दाल के बड़ों और सूजी के हलवे का भोग लगाया गया। हर अनाज के पीछे ग्रहों का योग बताया गया है। तेल का शनि ग्रह, मिर्च का मंगल, जीरे-धनिया का बुध, गेहूं का चंद्रमा और चीनी का शुक्र से संबंध है। इन ग्रहों की ऊर्जा से शरीर को शीतकाल में उष्णता मिलती है। इससे ‘पौष’ प्राणों को संचारित करता है।-पं. दिनेश मिश्रा क्विंटल चौला व मूंग की दाल काम में ली मसालों का भी उपयोग; प्रसादी बनाने में गर्म मसाला तेजपत्ता, लोंग, डोडा, काली मिर्च, नमक, लाल मिर्च, साबूत व हरा धनिया, हरी मिर्च, हरी मैथी का उपयोग किया गया।
शहर में नववर्ष का स्वागत और साल 2025 को विदा करने के लिए बड़ी संख्या में देशभर से पर्यटक गुलाबी नगरी में पहुंच गए हैं। इसका असर शनिवार को खोले के हनुमानजी मंदिर में भी देखने को मिला। देशभर से आए पर्यटकों के साथ ही 50 हजार से अधिक भक्त मंगला से लेकर शय
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मंदिर में 50 हजार से अधिक दोना प्रसादी बांटी गई। नरवर सेवा आश्रम समिति, खोले के हनुमानजी के अध्यक्ष गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि भक्तों की अत्यधिक संख्या को देखते हुए लाइनों की विशेष व्यवस्था की गई। हनुमानजी महाराज के साथ ही मंदिर परिसर स्थित सभी मंदिरों में भगवान को दाल के बड़ों और सूजी के हलवे का भोग लगाया गया।
हर अनाज के पीछे ग्रहों का योग बताया गया है। तेल का शनि ग्रह, मिर्च का मंगल, जीरे-धनिया का बुध, गेहूं का चंद्रमा और चीनी का शुक्र से संबंध है। इन ग्रहों की ऊर्जा से शरीर को शीतकाल में उष्णता मिलती है। इससे ‘पौष’ प्राणों को संचारित करता है।-पं. दिनेश मिश्रा
क्विंटल चौला व मूंग की दाल काम में ली
मसालों का भी उपयोग;
प्रसादी बनाने में गर्म मसाला तेजपत्ता, लोंग, डोडा, काली मिर्च, नमक, लाल मिर्च, साबूत व हरा धनिया, हरी मिर्च, हरी मैथी का उपयोग किया गया।