किसान 31 दिसंबर तक कराएं रबी की फसलों का बीमा:दौसा कलेक्टर ने की PM फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा
दौसा कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने 31 दिसम्बर तक अधिकाधिक किसानों की रबी फसलों का बीमा कर पॉलिसियां जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में रबी-2025-26 सीजन के लिए गेहूं, जौ, चना, सरसो, तारामीरा को अधिसूचित किया गया है। साथ ही पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा में सौंफ, नींबू, आम, टमाटर, तरबूज अधिसूचित की गई है। इन फसलों का बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर है। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को अधिकाधिक काश्तकारों को जागरूक कर फसल बीमा के लिए प्रेरित करने और केन्द्रीय सहकारी बैंक एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों को ऋणी किसानों के खातों से उनके हिस्से की बीमा राशि काटकर बीमा पॉलिसी जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने गत खरीफ मौसम के दौरान फसल खराब होने की प्राप्त शिकायतों एवं उन पर की गई कार्यवाही की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा- जिन बीमित किसानों की फसलें खराब हुई है, उन्हें नियमानुसार बीमा क्लेम दिलवाने की कार्यवाही करें। बीमित राशि का 1.5 प्रतिशत ही वहन करना होगा कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रामराज मीना ने बताया- जिले में गेहूं की बीमित राशि 91835, जौ की 61935, चना की 80244, सरसो की 103337 एवं तारामीरा की 33813 रुपए प्रति हेक्टेयर है। किसान को बीमित राशि का केवल 1.5 प्रतिशत ही वहन करना है। शेष प्रीमियम केन्द्र व राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत के अनुपात में कृषक की ओर से जमा कराएगी। जिले में योजना की अधिसूचना के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिग्रहित किया गया है। जिन किसानों ने किसी भी बैंक से केसीसी ले रखा है तथा नियमित लेन-देन कर रहे हैं, उनका फसल बीमा बैंक द्वारा स्वतः ही किया जाता है। किसान द्वारा फसल की बुवाई के परिवर्तन की सूचना देने की 29 दिसम्बर अन्तिम तिथि निर्धारित है। केसीसी धारक कृषक को 24 दिसम्बर से पूर्व योजना से पृथक रहने के लिए घोषणा-पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा दी गई थी। बैठक में लीड बैंक मैनेजर गजानंद बसवाल, केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के मुख्य प्रबंधक जितेन्द्र कुमार शर्मा, उद्यानिकी विभाग के उप निदेशक जगदीश प्रसाद मीणा, सहायक निदेशक कृषि मुख्यालय सुरज्ञान सिंह गुर्जर, अशोक मीणा एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।