शिवयोग का विशेष दीक्षा शिविर 4 जनवरी को जयपुर में:आचार्य ईशान शिवानंद देंगे 2000 से अधिक साधकों को दीक्षा
जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युवा संत एवं शिवयोग के आचार्य डॉ. ईशान शिवानंद दिल्ली के बाद अब जयपुर में हजारों साधकों को ललिता-रूद्र त्रिशती लेवल-3 की दीक्षा देंगे। आगामी 4 जनवरी को मानसरोवर स्थित, दीप स्मृति ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम होगा। साधना शिविर में राजस्थान के साथ-साथ अन्य राज्यों से आए 2000 से अधिक साधक भाग लेंगे। पिछले वर्ष आयोजित किए गए ललिता-रूद्र त्रिशती लेवल-2 शिविर में दीक्षा ले चुके साधकों के साथ-साथ सैकड़ों नए साधक भी शिविर में दीक्षा लेंगे। पूर्व में दीक्षा ले चुके साधकों ने बताई, कि ललिता रुद्र त्रिशती लेवल- 3 की पावन और शक्तिशाली ऊर्जा साधकों के जीवन में दिव्य परिवर्तन लाएगी,। तनाव, डिजिटल ओवरलोड और भावनात्मक थकान से जूझते लोगों के लिए यह साधना आंतरिक शक्ति के विकास, मानसिक-सामाजिक संतुलन स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। शिविर आयोजक जय गुप्ता ने बताया कि माँ ललिता त्रिपुर सुंदरी और भगवान रुद्र की यह गहन साधना साधक के भीतर सुप्त आध्यात्मिक शक्तियों को जागृत करती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में स्पष्टता, स्थिरता आने के साथ-साथ आंतरिक शांति का अनुभव होता है। यह दीक्षा केवल साधना नहीं, बल्कि आत्म-उत्कर्ष और जीवन रूपांतरण की एक सशक्त, यात्रा है। यह अवसर विशेष रूप से उन साधकों के लिए है, जो केवल ज्ञान नहीं बल्कि अनुभूति के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नयन की ओ
जयपुर में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त युवा संत एवं शिवयोग के आचार्य डॉ. ईशान शिवानंद दिल्ली के बाद अब जयपुर में हजारों साधकों को ललिता-रूद्र त्रिशती लेवल-3 की दीक्षा देंगे। आगामी 4 जनवरी को मानसरोवर स्थित, दीप स्मृति ऑडिटोरियम में यह कार्यक्रम होगा
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पूर्व में दीक्षा ले चुके साधकों ने बताई, कि ललिता रुद्र त्रिशती लेवल- 3 की पावन और शक्तिशाली ऊर्जा साधकों के जीवन में दिव्य परिवर्तन लाएगी,। तनाव, डिजिटल ओवरलोड और भावनात्मक थकान से जूझते लोगों के लिए यह साधना आंतरिक शक्ति के विकास, मानसिक-सामाजिक संतुलन स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी।
शिविर आयोजक जय गुप्ता ने बताया कि माँ ललिता त्रिपुर सुंदरी और भगवान रुद्र की यह गहन साधना साधक के भीतर सुप्त आध्यात्मिक शक्तियों को जागृत करती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में स्पष्टता, स्थिरता आने के साथ-साथ आंतरिक शांति का अनुभव होता है। यह दीक्षा केवल साधना नहीं, बल्कि आत्म-उत्कर्ष और जीवन रूपांतरण की एक सशक्त, यात्रा है। यह अवसर विशेष रूप से उन साधकों के लिए है, जो केवल ज्ञान नहीं बल्कि अनुभूति के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नयन की ओ