सांवलिया सेठ के मंदिर में थाईलैंड से आए फूल:4 लाख फूलों से सजा मंदिर, मंत्र लिखे झंडे और राजस्थानी सजरिया भी लगाया
31 दिसंबर और न्यू ईयर सेलिब्रेशन को लेकर मेवाड़ के आराध्य भगवान श्री सांवलिया सेठ के मंदिर को विशेष और भव्य रूप से सजाया गया है। नए साल के आगमन से पहले ही मंदिर परिसर को फूलों, पत्तियों और आकर्षक सजावटी आर्टिकल्स से इस तरह सजाया गया है कि श्रद्धालु देखते ही आकर्षित हो गए। मंदिर को सजाने के लिए करीब 4 लाख से ज्यादा फूलों का इस्तेमाल किया गया है। रंग-बिरंगे और खुशबूदार फूलों से सजा मंदिर परिसर नए साल की खुशियों और भक्ति के रंग में पूरी तरह रंगा नजर आ रहा है। चार लाख फूलों से महका मंदिर परिसर मंदिर की सजावट के लिए लगभग चार लाख से ज्यादा फूल मंगवाए गए हैं, जिनसे पूरा परिसर फूलों की खुशबू से महक उठा है। इन फूलों में रोजेस, ऑर्किड्स, हेलिकोनिया, लिलीज, ब्लू डेज़ी, जिप्सो फेलिया, ग्लैडियोलस, एंथुरियम, डिशबर्ड और क्रिसेंथिमम जैसे खूबसूरत फूल शामिल हैं। इन फूलों का चयन इस तरह किया गया है कि रंगों का संतुलन बना रहे और हर कोना आकर्षक दिखाई दे। इसके साथ ही करीब 2 क्विंटल पत्तियां और मालाएं भी सजावट में उपयोग की गई हैं, जिससे मंदिर में हरियाली और ताजगी का एहसास बना हुआ है। देश-विदेश से मंगवाए गए खास फूल श्री सांवलिया जी मंदिर की इस भव्य सजावट के लिए फूल देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ विदेश से भी मंगवाए गए हैं। पुणे, दिल्ली और पश्चिम बंगाल के साथ-साथ थाईलैंड से भी विशेष किस्म के फूल लाए गए हैं। थाईलैंड से डिशबर्ड, हेलिकोनिया और एंथुरियम जैसे आकर्षक फूल मंगवाए गए हैं, जो सजावट को और खास बना रहे हैं। इसके अलावा हाथी, हिरन और मोर जैसे सुंदर आर्टिकल भी लगाए गए हैं, जो सजावट में प्राकृतिक सुंदरता का एहसास कराते हैं। इन सभी चीजों को इस तरह सजाया गया है कि मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही एक अलग ही दिव्य अनुभूति होती है। अध्यात्म माहौल देने के लिए की सजावट ADM प्रभा गौतम ने बताया कि अब ठाकुर जी के दर्शन के लिए लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। पिछले साल रिकॉर्ड तोड़ करीब 15 लाख की भीड़ आती थी। इस साल भी 25 दिसंबर से भीड़ हो रही है। सांवरा सेठ के प्रति लोगों की श्रद्धा बढ़ती जा रही है। ऐसे में भक्तों को एक फ्रेश माहौल मिले और उनको अंदर आते ही खुशबू और अध्यात्म का माहौल मिले, इसके लिए यह सजावट कर एक कोशिश की गई है। उम्मीद कर रहे है कि यह सजावट भक्तों को पसंद आएगी। सिंहद्वार से गर्भगृह तक फूलों की छटा सोनल फ्लोरिस्ट से जुड़े आयुष अग्निहोत्री ने बताया कि मंदिर के सिंहद्वार से लेकर पूरे कॉरिडोर और गर्भगृह तक ताजे फूलों, पत्तियों और मालाओं से सजावट की गई है। गर्भगृह में विशेष रूप से फ्रेश फूलों का उपयोग किया गया है, ताकि भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को पवित्र और मनमोहक वातावरण मिले। पूरे कॉरिडोर को विस्टोरिया, मेपल की पत्तियों और ऊन की बॉल से सजाया गया है, जिससे दर्शन मार्ग और भी सुंदर नजर आ रहा है। मंत्रों और झंडों से सजा सनातन मंदिर मंदिर परिसर में कई झंडे भी लगाए गए हैं, जिन पर अलग-अलग हिंदू मंत्र लिखे गए हैं। इनमें गायत्री मंत्र, भगवान गणेश के स्तोत्र और माताजी के श्लोक शामिल हैं। इन मंत्रों के कारण पूरा मंदिर परिसर सनातन संस्कृति और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया है। इसके साथ ही सजावट में राजस्थानी छजरिया का भी विशेष उपयोग किया गया है, जिससे स्थानीय संस्कृति की झलक साफ दिखाई देती है। बंगाल से मंगवाए गए विशेष डिजाइन के टेंपास और तालपाम के आर्टिकल भी सजावट का प्रमुख हिस्सा हैं। कई सालों से मंदिर सजावट का अनुभव आयुष अग्निहोत्री ने बताया कि वे पिछले आठ से नौ सालों से श्री सांवलिया जी मंदिर परिसर में सजावट का काम कर रहे हैं। हर साल नए साल, बड़े त्योहारों और विशेष अवसरों पर मंदिर को अलग-अलग थीम में सजाया जाता है। उन्होंने बताया कि कुछ फूल पुणे से, कुछ दिल्ली से और कुछ थाईलैंड जैसे देशों से मंगवाए जाते हैं, ताकि सजावट में नयापन बना रहे। पूरी टीम कई दिनों की मेहनत से सजावट को अंतिम रूप देती है, ताकि श्रद्धालुओं को हर बार कुछ खास देखने को मिले। सेल्फी प्वाइंट और खुशबू से सजी भक्ति इस बार मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए कई आकर्षक सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किए गए हैं। रंग-बिरंगे फूलों और सुंदर सजावटी वस्तुओं के बीच श्रद्धालु यादगार तस्वीरें खिंचवाते नजर आ रहे हैं। फूलों की खुशबू से पूरा मंदिर परिसर महक उठा है, जिससे वातावरण और भी पवित्र और मनमोहक बन गया है। नए साल के मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के श्री सांवलिया सेठ के दर्शन के लिए पहुंचने की संभावना है।




