पीबीएम हॉस्पिटल:हृदय रोग के लक्षण वाले युवाओं के केस ज्यादा आ रहे पर जांच में नॉर्मल, ओपीडी 450 तक पहुंचा, एक्स्ट्रा बेड लगाए
हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ गई है। रोज का ओपीडी 450 तक पहुंच गया है। हृदय रोग के लक्षण वाले युवाओं के केस ज्यादा आ रहे हैं। हालांकि ज्यादातर मामलों में जांच नॉर्मल आने पर उन्हें छुट्टी दी जा रही है। सर्दी के मौसम में अक्सर हृदय रोगियों की संख्या बढ़ जाती है। दिसंबर बीत रहा है, लेकिन सर्दी ने अभी तक अपना रूप नहीं दिखाया है। फिर भी पीबीएम के हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल के आउटडोर में मरीजों की संख्या 450 तक जा पहुंची है। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि हृदय रोगी तो सामान्य रूप से उपचार के लिए आते ही हैं। इसके अलावा नए केस युवाओं के ज्यादा हैं। ज्यादातर युवा सीने में भारीपन, गैस बनना, सीने में दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं। राहत की बात यह है कि जांच के बाद उनमें हार्ट की प्रॉब्लम नहीं पाई जा रही है। यह समस्या उनके खान-पान और दिनचर्या के कारण हो रही है। इससे बचने के लिए नियमित व्यायाम और वॉकिंग जरूरी है। हृदय रोग विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो नवंबर माह में कुल 1152 रोगी भर्ती हुए थे तथा 46 लोगों की मौत हार्ट अटैक से हुई थी। इसे सर्दी का असर नहीं माना जा रहा है, क्योंकि जुलाई में भी हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या इतनी ही थी। रोज 30-35 एंजियोग्राफी हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल में रोज 30 से 35 मरीजों की एंजियोग्राफी हो रही है। हृदय रोग विशेषज्ञ के अनुसार सोमवार को 30 एंजियोग्राफी और सात एंजियोप्लास्टी हुई तथा एक मरीज के पेसमेकर लगाया गया। भास्कर इनसाइट — 72 बेड का है हॉस्पिटल, 100 बेड तक अतिरिक्त लगाने पड़ रहे हल्दीराम मूलचंद हार्ट हॉस्पिटल में 72 बेड ही स्वीकृत हैं, जबकि रोज 50 मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। उनके लिए एक्स्ट्रा बेड लगाने पड़ रहे हैं। हॉस्पिटल में वर्तमान में 150 से 200 मरीज भर्ती हैं। इमरजेंसी में केवल चार ही बेड हैं। ज्यादा मरीज आने पर उन्हें सीसीयू में शिफ्ट किया जा रहा है। भास्कर नॉलेज — सर्दी में सिकुड़ती हैं रक्त वाहिकाएं, बढ़ जाते हैं हृदय रोगी सर्दी में हृदय रोगी इसलिए बढ़ जाते हैं क्योंकि ठंड से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। खून गाढ़ा होकर थक्के बनने का खतरा बढ़ता है। लोग कम सक्रिय रहते हैं और फ्लू/सर्दी-जुकाम जैसे संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, जिससे हृदय पर तनाव पड़ता है। हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। इससे बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, नियमित व्यायाम करें। किसी तरह का लक्षण होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। "सर्दी अभी तक सामान्य रूप से ही पड़ रही है, लेकिन हृदय रोग के लक्षण वाले युवा ज्यादा आ रहे हैं। इसलिए ओपीडी बढ़ा हुआ है।" -डॉ. पिंटू नाहटा, हृदय रोग विभागाध्यक्ष "हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने के कारण अतिरिक्त बेड लगाए गए हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को सीसीयू में रखा जा रहा है।" -डॉ. देवेंद्र अग्रवाल