सहजीपुरा पीएचसी को एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन मिला:हनुमानगढ़ में अब 47 चिकित्सा संस्थान गुणवत्ता प्रमाणित हुए
हनुमानगढ़ के सहजीपुरा स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफिकेशन (एनक्यूएएस) प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि के साथ, जिले में एनक्यूएएस प्रमाणित चिकित्सा संस्थानों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार सुधार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रमाणित संस्थान को तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। डॉ. शर्मा के अनुसार, इस तरह के प्रमाणन से आमजन को बेहतर और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा। रावतसर बीसीएमओ डॉ. मनिन्द्र सिंह ने बताया कि एनक्यूएएस प्रमाणन प्रक्रिया में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अखिलेश शर्मा, आयुष्मान नेशनल असेसर, नर्सिंग ऑफिसर धर्मपाल छींपा, फार्मासिस्ट सन्नी ग्रोवर, बीपीओ कृष्ण टाक और सीएचओ संजय सिराव का विशेष योगदान रहा। उन्होंने टीमवर्क और नियमित मॉनिटरिंग को इस सफलता का श्रेय दिया। पीएचसी को यह प्रमाणन संस्थान प्रभारी डॉ. अजय कुमार मीणा, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर सरजीत सिंह, नर्सिंग ऑफिसर अजय सिंह, फार्मासिस्ट चंद्रभान, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता रानी और रीटा, लैब टेक्नीशियन इशू, अकाउंट ऑफिसर सुनील, डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरेश कुमार, आशा सहयोगी, सीएचओ अनिल कुमार और ममता के सामूहिक प्रयासों से मिला है। जिले के एमजीएम जिला अस्पताल, नोहर उपजिला चिकित्सालय, रावतसर सीएचसी और खोथावाली पीएचसी वर्तमान में पुनः प्रमाणन की प्रक्रिया में हैं। इस नई उपलब्धि से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक मजबूती मिलने की उम्मीद है।
हनुमानगढ़ के सहजीपुरा स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर पीएचसी को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफिकेशन मिला।
हनुमानगढ़ के सहजीपुरा स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन सर्टिफिकेशन (एनक्यूएएस) प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि के साथ, जिले में एनक्यूएएस प्रमाणित चिकित्सा संस्थानों की संख्या बढ़कर 47 हो गई है।
.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. नवनीत शर्मा ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में लगातार सुधार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रमाणित संस्थान को तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। डॉ. शर्मा के अनुसार, इस तरह के प्रमाणन से आमजन को बेहतर और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना संभव हो सकेगा।