गिरते बैंकिंग मापदंड का असर:5 जिला सहकारिता बैंकों को पैसा नहीं देगा नाबार्ड, किसानों को न लोन मिलेगा ना ही 9% ब्याज छूट
राजस्थान में सहकारिता की साख दांव पर है। बैंक तंगहाल हो रहे हैं। बैंकिंग मापदंड में खरे नहीं उतरने और वित्तीय अनियमितता को देखते हुए नाबार्ड ने भरतपुर, नागौर, पाली, जैसलमेर व अलवर सीसीबी का फसली ऋण बजट का पुनर्भरण रोक दिया है। ऐसे में बैंकों के लिए फसली ऋण बांटना मुश्किल हो गया है। किसानों को 9% ब्याज अनुदान मिलता है, जो अब किसानों को ही भगुतना पड़ेगा। जैलसमेर और पाली सीसीबी में घाटा और एनपीए अधिक है। इन बैंकों के लिए बैंकिंग अधिनियम की धारा-11 का पालन मुश्किल हो गया है। इस धारा में बैंकों के लिए न्यूनतम चुकता पूंजी व आरक्षित निधियों का प्रावधान है। देनदारी-लेनदारी में एक लाख रुपए से कम का अंतर नहीं होना चाहिए। यह धारा तय करती है कि भारत में बैंकिंग व्यवसाय शुरू करने या जारी रखने के लिए एक निश्चित वित्तीय आधार हो। नाबार्ड ने जैसलमेर, भरतपुर और पाली की में आरबीआई के निर्देश पर गार्जियन ऑफिसर नियुक्त किए गए हैं। इन बैंकों में घोटाले सामने आ चुके हैं। न प्रभावी कार्रवाई हुई ना नियमानुसार पात्र एमडी लगाए। भरतपुर में स्थाई एमडी नहीं है, इसका चार्ज दौसा सीसीबी के एमडी के पास है। किसान सम्मान निधि और मजदूरी के पैसे सरकार ने खातों में डाल दिए, अपने पैसों के लिए बैंकों में गिड़गिड़ा रहे लोग पूर्व सैनिक तारा गोरोरा में रहते हैं। वृद्धावस्था में बेटे के साथ सहकारी बैंक पहुंचे। उनके खाते में 14 हजार रुपए हैं, लेकिन वे पांच हजार ही ले सकते हैं। बेटे ने बैंक कर्मचारियों से मिन्नत की और कहा कि वे बार-बार आ नहीं सकते। साफ मना कर दिया तो पांच हजार लेकर ही काम चलाया। श्रमिक कमल सिंह दमोदरा में रहते हैं। खाते में मनरेगा की मजदूरी के 15 हजार रुपए हैं। शनिवार को आए तो रुपए नहीं दिए। सोमवार को बोले, रुपए नहीं आए। बुधवार को पांच हजार रुपए दे रहे हैं। एटीएम भी नहीं देते ताकि कहीं और से रुपए निकाल सकें। रिपोर्टर जैसलमेर सहकारिता बैंक गया। यहां कोई मां को लेकर आया है, कोई पिता को। मनरेगा, किसान सम्मान निधि का पैसा सीसीबी खाते में आता है, आ भी चुका, मगर खाते से हाथ में नहीं आया। ऐसा क्यों? 29 में से 14 जिला सीसीबी की सीआरएआर तय मानक (न्यूनतम 9) से नीचे हैं। 11 बैंक घाटे में हैं। पाली-जैसलमेर में सीआरएआर माइनस में है। जैसलमेर सीसीबी ने 5 हजार निकासी तय की। बैंकों की मदद करेंगे "पुरानी खामियां अब सुधारी जा रही हैं। वित्त विभाग से कमजोर बैंकों को आर्थिक सहयोग करवाएंगे।" -गौतम कुमार दक, सहकारिता मंत्री