सतीपुरा आरओबी को लेकर महापंचायत, दीवार हटाने की मांग, 5 को चक्काजाम की चेतावनी दी
हनुमानगढ़| सतीपुरा रेलवे ओवरब्रिज पर सोमवार को नागरिकों ने महापंचायत की। उन्होंने ब्रिज पर बैठक कर प्रशासन और निर्माण एजेंसी के खिलाफ रोष जताया। बैठक में सर्वसम्मति से मांग की गई कि जब तक ओवरब्रिज के बीच बनाई जा रही दीवार को हटाया नहीं जाता, तब तक पुल का लोकार्पण नहीं होने दिया जाएगा। यदि मांगे नहीं मानी गई तो 5 जनवरी को चक्काजाम करने की चेतावनी दी। उपखंड अधिकारी मांगीलाल सुथार व पीडब्लूडी कार्यवाहक एसई अनिल अग्रवाल ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी। इस दौरान नागरिकों ने मांग की कि ओवरब्रिज के नीचे दोनों तरफ सर्विस रोड का निर्माण किया जाए, ताकि स्थानीय आवागमन सुचारू रह सके और मुख्य पुल पर यातायात का दबाव कम हो। इसके अलावा बरसात के मौसम में क्षेत्र में जलभराव की समस्या को देखते हुए पानी की निकासी के लिए पाइपलाइन डालने की भी मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि इन मूलभूत सुविधाओं के बिना ओवरब्रिज जनता के लिए राहत के बजाय परेशानी का कारण बन जाएगा। ओवरब्रिज के बीच में दीवार बनाने का निर्णय अव्यवहारिक और जनहित के खिलाफ है। दीवार बनवाने का निर्णय लेने वाले और कार्य शुरू करवाने वाले अधिकारियों के खिलाफ जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के निर्णय बिना जनसहमति के न लिए जाएं। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया और दीवार को शीघ्र नहीं हटाया गया, तो ओवरब्रिज का किसी भी स्तर पर लोकार्पण नहीं होने दिया जाएगा। ये रहे मौजूद: रामेश्वर वर्मा, रघुवीर वर्मा, सिद्धार्थ बलिहारा, भेरू वर्मा, रामेश्वर चावरिया, पृथ्वी खीचड़, सुधीर बलिहारा, गुरलाल सिंह, रामेश्वर बलिहारा, निर्मल सिंह, परमजीत सिंह, नवनीत सिंह, गुरदिता सिंह, गुरविंदर सिंह, गुरलाभ सिंह, राकेश मूंड, सुरेंदर मूंड, गुरबख्श सिंह, बहादुर चौहान आदि। बता दें कि जब से सतीपुरा आरओबी के ऊपर दीवार खींची गई है तब से यह विवादों के घेरे में आ गया है। सतीपुरा फ्लाओवर का पीडब्ल्यूडी िवभाग के अधिकारियों में इतना खौफ है कि कोई भी चार्ज नहीं लेना चाहता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि मुख्य अभियंता ने इस परियोजना की मॉनिटरिंग और पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी 130 किलोमीटर दूर भादरा खंड एक्सईएन को सौंप दी है। हालांकि, एक्सईएन ने भी पत्र भेजकर चार्ज लेने से इंकार कर दिया है। वहीं, यह आरओबी युवाओं के लिए सोशल मीडिया कंटेंट का केंद्र बनता जा रहा है। स्थिति यह है कि रोजाना 20-30 युवा यहां पर पहुंच रहे हैं। कोई इसके डिज़ाइन को कैमरे में कैद कर रहा है, तो कोई भविष्य में लोगों को होने वाली यातायात असुविधा पर सवाल उठाते हुए रील और शॉर्ट वीडियो बना रहा है। बता दें की अभी तक अधिकारी इस आरओबी के निर्माणकार्य पूरा होने की डेडलाइन नहीं बता सके हैं।