जालोर का तोपखाना देखने के लिए चुकाने होंगे 50 रुपए:1 जनवरी से लगेगा प्रवेश शुल्क; जिले का संरक्षित स्मारक है
जालोर जिले का संरक्षित स्मारक तोपखाना देखने के लिए अब भारतीय दर्शकों को 50 रुपए शुल्क चुकाना होगा। यह नई व्यवस्था 1 जनवरी से लागू हो जाएगी। राज्य सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की ओर से जारी नई अधिसूचना के तहत अब तोपखाना में एंट्री के लिए शुल्क वसूला जाएगा। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जोधपुर के अधीक्षक इमरान अली ने बताया- पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जयपुर के निर्देशानुसार राजस्थान प्रदेश के सभी संरक्षित स्मारकों एवं कला दीर्घाओं पर प्रवेश शुल्क लागू किया गया है। साथ ही जिन स्मारकों पर पहले से शुल्क लागू था, वहां दरों में संशोधन कर बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने बताया-इसी क्रम में जालोर जिले के संरक्षित स्मारक तोपखाना जालोर को भी शुल्क के दायरे में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य स्मारकों के संरक्षण, रखरखाव एवं पर्यटन सुविधाओं के विस्तार को सुदृढ़ करना है। अधिकारियों के अनुसार, प्रवेश शुल्क से प्राप्त राशि का उपयोग स्मारक की सुरक्षा, साफ-सफाई, संरक्षण कार्यों और पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास में किया जाएगा। इससे ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। तोपखाना जालोर में निर्धारित प्रवेश शुल्क इस प्रकार रहेगा
जालोर जिले का संरक्षित स्मारक तोपखाना देखने के लिए अब भारतीय दर्शकों को 50 रुपए शुल्क चुकाना होगा। यह नई व्यवस्था 1 जनवरी से लागू हो जाएगी। राज्य सरकार के कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की ओर से जारी नई अधिसूचना के तहत अब तोपखाना में एंट्र
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पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जोधपुर के अधीक्षक इमरान अली ने बताया- पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जयपुर के निर्देशानुसार राजस्थान प्रदेश के सभी संरक्षित स्मारकों एवं कला दीर्घाओं पर प्रवेश शुल्क लागू किया गया है। साथ ही जिन स्मारकों पर पहले से शुल्क लागू था, वहां दरों में संशोधन कर बढ़ोतरी की गई है।
उन्होंने बताया-इसी क्रम में जालोर जिले के संरक्षित स्मारक तोपखाना जालोर को भी शुल्क के दायरे में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य स्मारकों के संरक्षण, रखरखाव एवं पर्यटन सुविधाओं के विस्तार को सुदृढ़ करना है।

जालोर के तोपखाने का नजारा
अधिकारियों के अनुसार, प्रवेश शुल्क से प्राप्त राशि का उपयोग स्मारक की सुरक्षा, साफ-सफाई, संरक्षण कार्यों और पर्यटकों के लिए मूलभूत सुविधाओं के विकास में किया जाएगा। इससे ऐतिहासिक धरोहरों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
तोपखाना जालोर में निर्धारित प्रवेश शुल्क इस प्रकार रहेगा