दौसा में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा:विजिबिलिटी 50 मीटर से कम, 4 डिग्री तक गिरा पारा, दो दिन नहीं मिलेगी राहत
दौसा जिले में कड़ाके की ठंड के साथ चल रही सर्द हवाओं ने लोगों को ठिठुरा दिया है। सोमवार सुबह घना कोहरा छाने से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। कोहरे का आलम यह रहा कि कई इलाकों में विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई। इसका सीधा असर सड़क यातायात पर पड़ा और एक्सप्रेसवे से लेकर नेशनल हाईवे तक वाहन रेंगते नजर आए। एक सप्ताह बाद फिर लौटा कोहरा दरअसल, बीते एक सप्ताह से जिले में मौसम साफ बना हुआ था और कोहरे का असर नहीं था। इस दौरान न्यूनतम तापमान गिरकर 4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। रविवार को दिन में हल्के बादलों की आवाजाही देखने को मिली और देर रात से एक बार फिर कोहरा छा गया, जिसने सोमवार सुबह विकराल रूप ले लिया। हाईवे पर फॉग लाइट के सहारे चले वाहन घने कोहरे के चलते जिले से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे पर यातायात प्रभावित हुआ। जयपुर–आगरा नेशनल हाईवे पर वाहन चालक फॉग लाइट जलाकर बेहद कम स्पीड में सफर करते नजर आए। कई चालकों ने सुरक्षा को देखते हुए यात्रा रोक दी और मौसम साफ होने का इंतजार करने लगे। पहले देखें सर्दी से जुडे फोटो... ढाबों पर लगा कॉमर्शियल वाहनों का जमावड़ा मौसम साफ होने के इंतजार में हाईवे किनारे संचालित होटल-ढाबों पर ट्रक और अन्य कॉमर्शियल वाहनों का जमावड़ा लगा रहा। सुबह के समय कोहरा छंटने तक कई घंटों तक यातायात की रफ्तार प्रभावित रही। दिन में राहत, रात में बढ़ रही ठिठुरन हालांकि पिछले कई दिनों से दिन में तेज धूप निकलने से लोगों को सर्दी से कुछ राहत मिल रही है, लेकिन रात के समय लगातार तापमान गिरने से ठिठुरन बनी हुई है। इस साल रविवार की रात सबसे ठंडी रही, जब अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। प्रदेश में दौसा सबसे कम तापमान वाले जिलों में छठे स्थान पर रहा। सोमवार को तापमान में मामूली बढ़ोतरी सोमवार को जिले में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री और अधिकतम 22 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके बावजूद सुबह-शाम की सर्दी ने लोगों को गर्म कपड़ों का सहारा लेने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल नहीं मिलेगी ठंड से राहत मौसम विभाग, जयपुर केंद्र के अनुसार अगले दो दिन तक जिले में सर्दी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। इस दौरान न्यूनतम तापमान में 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आ सकती है। यदि दिन में चल रही शीतलहर रात के समय थम गई, तो पाला पड़ने की आशंका है, जो सब्जी और सरसों की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।