इको पार्क के उद्घाटन करने की तैयारी:गुड़ामालानी में 50 लाख से 5 हेक्टेयर में बन रहा इको पार्क
गुड़ामालानी मुख्यालय पर अब लोगों को सुकून देने के लिए 50 लाख की लागत से इको पार्क तैयार हो रहा है। इसका 26 जनवरी को उद्घाटन करने की संभावना है। वन विभाग करीब 5 हेक्टेयर क्षेत्र में पार्क तैयार किया है। इस पार्क की खास बात यह है कि इसका आर्किटेक्चर अनोखा होगा। इसमें आधुनिक झूलों और सुविधाओं के बीच में राजस्थान की मरु संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। पार्क को इस तरह डिजाइन किया गया है कि बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों को यहां आने के लिए आकर्षित करेगा। इसमें आधुनिक झूले और हेमक लगाए जा रहे हैं। भास्कर एक्सप्लेनर - पांच हजार पौधे व कैक्टस गार्डन विकसित करेंगे इको पार्क में 1 हजार मीटर लंबा वॉकिंग वे बना है। इसके दोनों तरफ फूलों के पौधों की कतारें विकसित कर रहे हैं। पार्क में पांच हजार से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाकर ग्रीन हब बनाया जा रहा है। पार्क में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग गार्डन सेक्शन और सुलभ सुविधाएं विकसित की है। पार्क में एक ओपन लाइब्रेरी विकसित की जा रही है। ताकि लोग अपनी मनपसंद किताबें पार्क में बैठकर ही पढ़ सके। पार्क का प्रवेश द्वार भामाशाह भागीरथराम कड़वासरा के सहयोग से बनाया जा रहा है। पार्क में वॉच टावर और मरु परंपरा के अनुसार झोपड़ी का निर्माण करवाया है। इसके अलावा एक विशेष कैक्टस गार्डन विकसित किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग तरह के कैक्ट्स लगेंगे। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल 50 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति के साथ काम चल रहा है। भविष्य में सुविधाओं के विस्तार को देखते हुए बजट में और बढ़ोतरी की जा सकती है।
गुड़ामालानी मुख्यालय पर अब लोगों को सुकून देने के लिए 50 लाख की लागत से इको पार्क तैयार हो रहा है। इसका 26 जनवरी को उद्घाटन करने की संभावना है। वन विभाग करीब 5 हेक्टेयर क्षेत्र में पार्क तैयार किया है।
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इस पार्क की खास बात यह है कि इसका आर्किटेक्चर अनोखा होगा। इसमें आधुनिक झूलों और सुविधाओं के बीच में राजस्थान की मरु संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। पार्क को इस तरह डिजाइन किया गया है कि बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के लोगों को यहां आने के लिए आकर्षित करेगा। इसमें आधुनिक झूले और हेमक लगाए जा रहे हैं।
भास्कर एक्सप्लेनर - पांच हजार पौधे व कैक्टस गार्डन विकसित करेंगे
इको पार्क में 1 हजार मीटर लंबा वॉकिंग वे बना है। इसके दोनों तरफ फूलों के पौधों की कतारें विकसित कर रहे हैं। पार्क में पांच हजार से अधिक विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाकर ग्रीन हब बनाया जा रहा है। पार्क में महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग गार्डन सेक्शन और सुलभ सुविधाएं विकसित की है। पार्क में एक ओपन लाइब्रेरी विकसित की जा रही है। ताकि लोग अपनी मनपसंद किताबें पार्क में बैठकर ही पढ़ सके। पार्क का प्रवेश द्वार भामाशाह भागीरथराम कड़वासरा के सहयोग से बनाया जा रहा है।