भीलवाड़ा के संकटमोचन हनुमान मंदिर में पौषबड़ा महोत्सव:501 किलो दाल से बने आलूबड़े-पकौड़ों का प्रसाद वितरित
भीलवाड़ा शहर के गोल प्याऊ क्षेत्र में मुख्य डाकघर के पास स्थित श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में रविवार शाम पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हनुमानजी महाराज को विशेष चोला चढ़ाया गया और मंदिर परिसर जयकारों से गूंज उठा। महाआरती के बाद लगाया गया पौषबड़ा का भोग शाम को महाआरती के बाद हनुमानजी महाराज को पौषबड़ा प्रसाद का भोग लगाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूरे भक्तिभाव के साथ हनुमानजी के जयकारे लगाए। संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज ने बताया कि आरती के उपरांत भोग अर्पित कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। उन्होंने बताया कि पौषबड़ा महोत्सव के तहत 501 किलो चना और मूंग की दाल से आलूबड़े और पकौड़े तैयार किए गए, जिन्हें प्रसाद के रूप में बांटा गया। प्रसाद पाने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ पौषबड़ा प्रसाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण के लिए लंबी कतारें लग गईं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में भक्त संकटमोचन हनुमानजी महाराज के दर्शन कर पौषबड़ा प्रसाद पाने मंदिर पहुंचे। इन श्रद्धालुओं ने संभाली व्यवस्था पौषबड़ा प्रसाद वितरण की व्यवस्था संभालने वालों में सांवरमल बंसल, रमेशचंद्र बंसल, महावीरप्रसाद अग्रवाल, गजानंद बजाज, पीयूष डाड, दीपक कोठारी, कन्हैयालाल स्वर्णकार और मुकेश अग्रवाल सहित अन्य श्रद्धालु शामिल रहे। भक्तिमय माहौल में संपन्न हुआ आयोजन पूरे आयोजन के दौरान मंदिर परिसर में भक्तिमय माहौल बना रहा। श्रद्धालुओं ने हनुमानजी महाराज से सुख-समृद्धि और संकटों से मुक्ति की कामना की।
भीलवाड़ा शहर के गोल प्याऊ क्षेत्र में मुख्य डाकघर के पास स्थित श्री संकटमोचन हनुमान मंदिर में रविवार शाम पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ पौषबड़ा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हनुमानजी महाराज को विशेष चोला चढ़ाया गया और मंदिर परिसर जयकारों से
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महाआरती के बाद लगाया गया पौषबड़ा का भोग
शाम को महाआरती के बाद हनुमानजी महाराज को पौषबड़ा प्रसाद का भोग लगाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पूरे भक्तिभाव के साथ हनुमानजी के जयकारे लगाए। संकटमोचन हनुमान मंदिर के महंत बाबूगिरी महाराज ने बताया कि आरती के उपरांत भोग अर्पित कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
उन्होंने बताया कि पौषबड़ा महोत्सव के तहत 501 किलो चना और मूंग की दाल से आलूबड़े और पकौड़े तैयार किए गए, जिन्हें प्रसाद के रूप में बांटा गया।

