राजस्थान के 502 स्कूल जर्जर, 212 बिल्डिंग बैठने लायक नहीं:सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ में, पास के स्कूलों में शिफ्ट होगी स्टूडेंट्स की पढ़ाई
राजस्थान में 502 स्कूलों की बिल्डिंग जर्जर है। इसमें से 212 स्कूलों के भवन इतने जर्जर है कि बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। इन स्कूलों के छात्रों को अब अस्थायी रूप से पास के सुरक्षित स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं 290 स्कूलों में बच्चों को उसी स्कूल के दूसरे क्लासरूम में शिफ्ट किया जाएगा। सबसे ज्यादा प्रतापगढ़ जिले में 26 स्कूलों भवन जर्जर है। इसके बाद बीकानेर 18, बालोतरा में 16 और झालावाड़ में 15 स्कूल भवन बिल्कुल खराब हालत में हैं। 34 जिलों में 290 जर्जर स्कूल भवनों को चिह्नित किया गया है। बता दें, पांच महीने पहले झालावाड़ के पिपलोदी में जर्जर स्कूल भवन की छत गिर गई थी। मलबे में दबने से सात बच्चों की मौत हो गई थी। हादसे के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा था-जिम्मेदार तो मैं ही हूं। इसके बाद संभावित हादसों वाले स्कूलों भवनों का सर्वे कर चिह्नित किया गया है। 212 स्कूल भवन बैठने लायक नहीं, मरम्मत होगी माध्यमिक शिक्षा विभाग डायरेक्टर सीताराम जाट ने बताया- प्रदेश में कुल 502 राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल ऐसे हैं, जिनके भवन जर्जर हैं। 290 स्कूलों में बच्चों को उसी स्कूल भवन के अन्य कमरों में शिफ्ट किया जाएगा। वहीं। 212 जर्जर स्कूल भवन इतने खराब हैं कि वहां बच्चों को बैठाना सुरक्षित नहीं है। पास के स्कूलों में शिफ्ट होंगे बच्चे मरम्मत कार्य पूरा होने तक जर्जर भवन वाले स्कूलों के छात्रों को सबसे नजदीकी सुरक्षित स्कूल में भेजा जाएगा। कोशिश रहेगी कि एक कक्षा के छात्र एक ही स्कूल में पढ़ें। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के छात्रों को अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ाया जाएगा, ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। जरूरत पड़ी तो शिफ्ट में चलेंगी कक्षाएं अगर किसी स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा हो जाती है तो कक्षाएं शिफ्ट में चलाई जाएंगी। इसके लिए सुबह और दोपहर की अलग-अलग शिफ्ट बनाई जा सकती हैं। ताकि सभी बच्चों की पढ़ाई नियमित रूप से चलती रहे। MGGS स्कूलों के लिए भी निर्देश महात्मा गांधी सरकारी स्कूल (MGGS) अगर किसी दूसरे स्कूल में चल रहे हैं और वहां जगह की कमी होती है, तो उन्हें भी जरूरत के अनुसार दूसरे सुरक्षित स्कूल में शिफ्ट किया जा सकेगा। अभिभावकों को दी जाएगी पूरी जानकारी माध्यमिक शिक्षा विभाग डायरेक्टर सीताराम जाट ने बताया- जहां भी छात्रों को दूसरे स्कूल में भेजा जाएगा, वहां अभिभावकों को लिखित सूचना दी जाएगी। स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी जानकारी चस्पा की जाएगी। स्टाफ की जिम्मेदारी तय, ड्रॉपआउट रोकने पर जोर जर्जर भवन वाले स्कूलों के विद्यार्थियों को शिफ्ट करने के बाद अतिरिक्त स्टाफ की जिम्मेदारी तय की गई है। शिक्षकों को अभिभावकों से संपर्क में रहकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई छात्र अनुपस्थित न रहे। इसके साथ ही ड्रॉपआउट की स्थिति न बने। इसके लिए वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर मॉनिटरिंग करने और स्थानीय स्तर पर काउंसलिंग के निर्देश भी दिए गए हैं। निगरानी की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों और संबंधित पीईईओ/सीबीईओ को सौंपी गई है। -------- ये खबर भी पढ़ें ... राजस्थान के झालावाड़ में स्कूल बिल्डिंग गिरी,7 बच्चों की मौत:9 की हालत गंभीर; 5 टीचर सस्पेंड; शिक्षा मंत्री बोले- जिम्मेदार तो मैं ही हूं राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिरने से 7 बच्चों की मौत हो गई, वहीं 9 गंभीर घायल हो गए। मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी स्कूल की क्लास में शुक्रवार सुबह बच्चे बैठे थे, तभी कमरे की छत ढह गई। (पूरी खबर पढ़ें) राजस्थान स्कूल हादसा- टूटी छत, लटकते सरिये, दरकती दीवारें:350 साल पुराने जर्जर महल में भी पढ़ाई, नाम कटवाने पहुंचे पेरेंट्स चमकती तस्वीरों से उलट हालात राजस्थान के सरकारी स्कूलों के हैं। सड़ चुके सिस्टम की तरह प्रदेश के 2 हजार (अलग-अलग रिपोर्ट के दावे) से ज्यादा स्कूलों की बिल्डिंग या तो कभी भी गिर सकती हैं, या उनकी हालत काफी खराब है। (पूरी खबर पढ़ें)