नए साल पर मोतीडूंगरी गणेश जी पहनेंगे सोने का मुकुट:सीताफल, वनीला जैसे फ्लेवर के 56 प्रकार के लड्डुओं का लगेगा भोग; जानिए- दर्शन की व्यवस्था
नए साल पर जयपुर के प्रसिद्ध मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक आयोजन किया गया है। नववर्ष के मौके पर गणेशजी सोने का मुकुट धारण करेंगे और भक्तों को विशेष श्रृंगार के साथ दर्शन होंगे। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया -इस बार मंदिर में 56 भोग की परंपरा को नए रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जहां 56 तरह के लड्डुओं का विशेष भोग लगाया जाएगा। पारंपरिक आस्था के साथ स्वाद और परंपरा का यह संगम श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा। उन्होंने बताया- यह पहली बार है जब 56 भोग की जगह 56 तरह के लड्डुओं का विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। भोग में बेसन, मोतीचूर, नारियल, रवा-सूजी, आटा, मेवा और मलाई जैसे पारंपरिक लड्डुओं के साथ-साथ पिस्ता, सीताफल, वनीला और स्ट्रॉबेरी जैसे फ्लेवर के लड्डू भी शामिल किए गए हैं। इसके अलावा चूरमा, मूंग, ड्राई फ्रूट और गुलकंद लड्डू भी भोग का हिस्सा रहेंगे। भीड़ को देखते हुए मंदिर में दर्शन की अलग व्यवस्था नए साल पर श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ को देखते हुए मंदिर में दर्शन की अलग व्यवस्था की गई है। प्रशासन ने प्रवेश के लिए 7 लाइनों और निकासी के लिए 8 लाइनों की व्यवस्था तय की है, ताकि श्रद्धालुओं को व्यवस्थित और सुगम तरीके से दर्शन हो सकें। सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण को लेकर मंदिर परिसर में विशेष इंतजाम किए गए हैं। मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर की ट्रैफिक व्यवस्था ट्रैफिक प्लान के तहत मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों के लिए अलग-अलग दिशाओं से आने वाले वाहनों की पार्किंग तय की गई है। मोती डूंगरी क्षेत्र में डायवर्जन व्यवस्था 1 जनवरी 2026 को सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक त्रिमूर्ति सर्किल से जे.डी.ए. चौराहा तक, आर.बी.आई. तिराहा से गणेश मंदिर के बीच तख्तेशाही रोड और धर्मसिंह सर्किल से गणेश मंदिर की ओर वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा। जरूरत के अनुसार वाहनों को समानांतर मार्गों से डायवर्ट किया जाएगा।
नए साल पर जयपुर के प्रसिद्ध मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष धार्मिक आयोजन किया गया है। नववर्ष के मौके पर गणेशजी सोने का मुकुट धारण करेंगे और भक्तों को विशेष श्रृंगार के साथ दर्शन होंगे। मोतीडूंगरी गणेश मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया -इस बार मंदिर में 56 भोग की परंपरा को नए रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जहां 56 तरह के लड्डुओं का विशेष भोग लगाया जाएगा। पारंपरिक आस्था के साथ स्वाद और परंपरा का यह संगम श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा।