रेणु सिंघी जयपुर से कोलकाता तक साइकिलिंग कर वापस लौटी:59 साल की उम्र में 1570 किलोमीटर की राइड 7 दिन में की पूरी
आयरन लेडी के नाम से पहचाने जाने वाली 59 साल की साइकिलिस्ट रेणु सिंघी जयपुर से कोलकाता तक साइकिलिंग करके वापस लौटी हैं। करीब 1570 किलोमीटर की यह दूरी उन्होंने केवल सात दिन में पूरी की। फतेहपुर सीकरी, इटावा, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, शेरगढ़, धनबाद और पानगढ़ होते हुए वे कोलकाता पहुंची थी। जोधपुर के साइकिलिस्ट प्रद्युम्न सिंह वाराणसी तक उनके साथ थे। रेणु सिंघी ने बताया- यह जर्नी काफी यादगार रही। हमारी कोशिश रही कि ज्यादा से ज्यादा सफर छोटे गांवों से होकर किया जाए। इससे हमें स्थानीय संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिलेगा। गांवों के लोगों से मिलना काफी अच्छा अनुभव रहा। हालांकि साइकिलिंग दिन के समय की लेकिन कोहरे की वजह से सुबह ज्यादा परेशानी हुई। कुछ जगहों पर हाईवे पर रॉन्ग साइड वाहन चलाने वालों की वजह से भी परेशानी हुई लेकिन इसे सफर का एक अनुभव मानकर सावधानीपूर्वक लगातार आगे बढ़ते रहे। रेणु सिंघी ने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि रास्ते में कुछ जगहों पर लापरवाहीपूर्वक ओवरटेक करने वालों की वजह से वे दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बचीं। राइड के दौरान स्थानीय लोगों से काफी मदद मिली। साइकिलिंग के दौरान रास्ते में कई पुरातन मंदिर देखने को मिले, जो साधारण यात्रा में शायद ही देखने को मिलें। हरिद्वार में बहती हुई गंगा को देखना काफी सुकून प्रदान करने वाला अविस्मरणीय अनुभव रहा। उल्लेखनीय है कि रेणु सिंघी वर्तमान में जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की एडवाइजर और जोधपुर के जीत यूनिवर्स व मेडिपल्स हॉस्पिटल की डायरेक्टर हैं। वे 'लंदन-एडिनबर्ग-लंदन 2022' एवं अल्ट्रा साइकिलिंग चैलेंज 'नॉर्थ केप-4200' पूर्ण करने वाली एकमात्र भारतीय महिला हैं और 14 बार एसआर का स्टेटस हासिल कर चुकी हैं। वे अगस्त-19 में फ्रांस में आयोजित 'पेरिस-बे-पेरिस' में 92 घंटे में 1220 किलोमीटर साइकिलिंग कर चुकी हैं।
आयरन लेडी के नाम से पहचाने जाने वाली 59 साल की साइकिलिस्ट रेणु सिंघी जयपुर से कोलकाता तक साइकिलिंग करके वापस लौटी हैं। करीब 1570 किलोमीटर की यह दूरी उन्होंने केवल सात दिन में पूरी की। फतेहपुर सीकरी, इटावा, लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, शेरगढ़, धनबाद और पानगढ़ होते हुए वे कोलकाता पहुंची थी। जोधपुर के साइकिलिस्ट प्रद्युम्न सिंह वाराणसी तक उनके साथ थे। रेणु सिंघी ने बताया- यह जर्नी काफी यादगार रही। हमारी कोशिश रही कि ज्यादा से ज्यादा सफर छोटे गांवों से होकर किया जाए। इससे हमें स्थानीय संस्कृति को करीब से जानने का मौका मिलेगा। गांवों के लोगों से मिलना काफी अच्छा अनुभव रहा। हालांकि साइकिलिंग दिन के समय की लेकिन कोहरे की वजह से सुबह ज्यादा परेशानी हुई। कुछ जगहों पर हाईवे पर रॉन्ग साइड वाहन चलाने वालों की वजह से भी परेशानी हुई लेकिन इसे सफर का एक अनुभव मानकर सावधानीपूर्वक लगातार आगे बढ़ते रहे। रेणु सिंघी ने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए बताया कि रास्ते में कुछ जगहों पर लापरवाहीपूर्वक ओवरटेक करने वालों की वजह से वे दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बचीं। राइड के दौरान स्थानीय लोगों से काफी मदद मिली। साइकिलिंग के दौरान रास्ते में कई पुरातन मंदिर देखने को मिले, जो साधारण यात्रा में शायद ही देखने को मिलें। हरिद्वार में बहती हुई गंगा को देखना काफी सुकून प्रदान करने वाला अविस्मरणीय अनुभव रहा। उल्लेखनीय है कि रेणु सिंघी वर्तमान में जयपुर की पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की एडवाइजर और जोधपुर के जीत यूनिवर्स व मेडिपल्स हॉस्पिटल की डायरेक्टर हैं। वे 'लंदन-एडिनबर्ग-लंदन 2022' एवं अल्ट्रा साइकिलिंग चैलेंज 'नॉर्थ केप-4200' पूर्ण करने वाली एकमात्र भारतीय महिला हैं और 14 बार एसआर का स्टेटस हासिल कर चुकी हैं। वे अगस्त-19 में फ्रांस में आयोजित 'पेरिस-बे-पेरिस' में 92 घंटे में 1220 किलोमीटर साइकिलिंग कर चुकी हैं।