मंत्री शेखावत बोले- तेजस-ब्रह्मोस खरीदने के लिए पूरी दुनिया खड़ी:कहा- द्वितीय विश्व युद्ध में 80% मैन्युफैक्चरिंग वाला भारत कैसे 100% इम्पोर्टर देश बन गया था
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- द्वितीय विश्व युद्ध में उपयोग की गई बुलेट्स की 80% मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड द्वारा हिंदुस्तान में होती थी। लेकिन 55 साल तक भारत में वो सारी व्यवस्थाएं बंद हो गईं। वो चरमरा गईं। हम 100% इम्पोर्ट करने वाले देश बन गए थे। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा- आज तेजस से लेकर ब्रह्मोस, एंटी मिसाइल सहित हमारी टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए आज पूरी दुनिया लाइन लगाकर हमारे पीछे खड़े है। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जोधपुर प्रांत के पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव-2026 में मंगलवार को केंद्रीय मंत्री शेखावत ने भारत की सैन्य शक्ति, ऐतिहासिक गौरव और विकसित भारत-2047 के आर्थिक रोडमैप को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में वीर माताओं का सम्मान भी किया गया। शेखावत ने कहा- जो देश रॉकेट बना सकता था, मिसाइल बना सकता था, ब्रह्मोस बना सकता था, वो इंसाज की गोली नहीं बना सकता था। कितना दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन आज व्यवस्था बदली है। आज भारत ने तय किया है और अब केवल एक नेगेटिव लिस्ट बची है कि केवल इतनी चीजें ही हम इम्पोर्ट करेंगे। बाकी सारी चीजें हम भारत में बना रहे हैं। हथियार उत्पादन में 10 निर्यातक देश में शामिल हुआ भारत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- जो भारत कभी रक्षा उपकरणों का सबसे बड़ा आयातक था, आज वह शीर्ष 10 निर्यातक देशों में शामिल है। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के कायाकल्प और तेजस, ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों के निर्माण ने भारत को आत्मनिर्भर बनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम इस संकल्प के साथ में काम कर रहे हैं। तकनीक के युग में अब एआई-ड्रोन्स से होंगे युद्ध केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- आज रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से युद्ध चल रहा है। उस युद्ध के बाद यह स्पष्ट मैसेज पूरी दुनिया के सामने है कि तकनीकी के इस युग में लड़ाई केवल सीमाओं पर नहीं होगी। सैनिक सामने बंदूक लेकर नहीं लड़ेंगे। अभी ईरान-इजराइल के बीच में टेंशन हुई। दोनों देशों की भौगोलिक सीमाएं मिलती नहीं हैं। कहीं एक-दूसरे के सामने सैनिक नहीं आया। एक भी गोली नहीं चलाई गई, लेकिन तकनीकी के आधार पर युद्ध हो रहा था। शेखावत ने कहा- भविष्य के युद्ध केवल सीमाओं पर नहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ड्रोन्स और तकनीक के आधार पर होंगे। आज के समय में एनीथिंग एंड एनी थिंग कैन बी वेपनाइज्ड, इस तरह का वॉरफेयर होगा। हमको तकनीकी के रूप में दृष्टिकोण से हमको अपने आप को समृद्ध करना पड़ेगा। भारत आर्थिक प्रगति के पथ पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- भारत पिछले चार वर्षों से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। बीटीआई और ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारत 7% से 8.2% की विकास दर से प्रगति कर रहा है। अमेरिका और रूस जैसी कंपनियों ने पिछले वर्षों की तुलना में भारत में निवेश को 200% से अधिक बढ़ाया है। उन्होंने विश्वास जताया कि वर्तमान में 4 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था वर्ष 2032 तक 8 ट्रिलियन, वर्ष 2040 तक 16 ट्रिलियन और वर्ष 2047 तक 32 ट्रिलियन डॉलर की महाशक्ति बन जाएगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2 से 4 ट्रिलियन तक के सफर में ही देश की सड़कें, वंदे भारत ट्रेनें, ब्रॉडबैंड, हर घर बिजली, गैस चूल्हा और टैक्सपेयर्स के लिए 12.5 लाख तक की टैक्स छूट जैसे क्रांतिकारी बदलाव आए हैं। राजस्थान पराजय का नहीं, पराक्रम की धरती केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- हमें यह पढ़ाया गया कि हमारा इतिहास पराजय का रहा है, जबकि वास्तविकता में राजस्थान और पश्चिमी भारत की यह पवित्र धरती हजारों वर्षों से आक्रांताओं को चुनौती देने वाले बलिदानियों की रही है। उन्होंने प्रसिद्ध राजस्थानी लोरी का उल्लेख किया, "इला न देणी आपणी, हालरिया हुलराय...", जो सिखाती है कि मातृभूमि की रक्षा के लिए बलिदान होना जीने से श्रेष्ठ है। अब घर में घुसकर मारता है भारत केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा- आजादी के बाद भी संसाधनों की सीमाओं की परवाह किए बिना भारतीय सैनिकों ने हमेशा 56 इंच का सीना लेकर सीमाओं की रक्षा की है। मेजर शैतान सिंह और उनके 120 योद्धाओं के अदम्य साहस का उदाहरण देते हुए कहा कि संस्कारों की ताकत ही सैनिकों को अंतिम सांस तक रणभूमि में डटे रहने की शक्ति देती है। उन्होंने कहा कि 1947 से लेकर कारगिल तक दुश्मनों ने भारत की शांति को कमजोरी समझने की भूल की, लेकिन अब 'नया भारत' है। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से भारत के नेतृत्व ने पूरे विश्व को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि भारत की भूमि के खिलाफ रचे गए किसी भी षड्यंत्र को अब स्वीकार नहीं किया जाएगा। अब भारत 'घर में घुसकर' मारता है। वीरों और वीर माताओं का किया सम्मान केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सैनिक की शहादत के बाद वीर माता और वीरांगनाओं का सम्मान किया। उन्होंने बताया कि युद्ध के मैदान में जब सैनिक डटा होता है, तब पीछे घर में वीर नारी अपने आंसुओं को दबाकर जिस संयम का परिचय देती है, वह पराकाष्ठा है।