लॉरेंस गैंग से 91 लाख रुपए पकड़े, बाप-बेटा भी शामिल:हथियार और फरारी काटने में इस्तेमाल होते थे पैसे; व्यापारियों को धमकाते थे
श्रीगंगानगर पुलिस ने लॉरेंस गैंग के 4 बदमाशों को गिरफ्तार और 3 को डिटेन किया। पुलिस ने गैंग से 91 लाख रुपए कैश बरामद किया। गैंग में बाप-बेटे भी शामिल थे। जब्त रुपए व्यापारियों से लिए गए थे। ये पैसा हथियार और फरारी काटने में इस्तेमाल होता था। एसपी अमृता दुहन ने बताया- मामले में कुलदीप कुमार (50), उसके बेटे योगेश, अमन कुमार (20), रामस्वरूप (38) को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही 3 लोगों को डिटेन किया है। कैश जोधपुर से श्रीगंगानगर के रायसिंहनगर ला रहे थे। पुलिस ने नाकाबंदी में इनोवा को रुकवाया तो उसमें बैठे 3 बदमाश कोई जवाब नहीं दे सके। सख्ती से पूछताछ हुई तो लॉरेंस के वसूली नेटवर्क का खुलासा हुआ है। यह गैंग जोधपुर से पंजाब तक विदेश बैठे सदस्यों के जरिए धमकी देकर करोड़ों की फिरौती वसूलती थी। बेटे ने पिता को रंगदारी के रुपए लाने भेजा था पूछताछ में सामने आया कि आरोपी व्यापारियों को जान से मारने की धमकी देकर रंगदारी वसूलते थे। पैसे को ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यमों से गैंग तक पहुंचाते थे। इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीदने और फरारी काटने में होता था। एसपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपी कुलदीप ने बताया कि उसके बेटे योगेश ने उसको कहा था कि जोधपुर से एक व्यक्ति से पैसे लेकर आने हैं। जिसके बाद कुलदीप के साथ रामस्वरूप, अमन और सूरतगढ़ से घनश्याम पैसे लेने जोधपुर गए थे। जेल में हुई थी दोस्ती पूछताछ में योगेश ने बताया- उसने अबोहर के रहने वाले साहिल बिश्नोई उर्फ शंटी के कहने पर पैसे लेने जोधपुर भेजा था। पुलिस ने साहिल बिश्नोई की हिस्ट्री खंगाली, जिसमें पता चला कि साहिल बिश्नोई, गैंगस्टर अंकित भादू का नजदीकी रहा है। 6 दिसंबर 2018 में श्रीगंगानगर जिले के लालगढ़ जाटान में पंकज सोनी मर्डर हुआ था, उसी मामले में आरजू बिश्नोई और साहिल बिश्नोई उर्फ शंटी जेल में बंद थे। इसी समय कुलदीप का भांजा अक्षय भी जेल में बंद था। जेल में तीनों की अच्छी जान-पहचान हो गई और दोस्त बन गए। बाप-बेटे लेकर आते थे रंगदारी का पैसा पूछताछ में सामने आया कि 2024 में दिल्ली पुलिस की ओर से शंटी को आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया था। तब वह जमानत पर जेल से बाहर आया और फरार हो गया। अक्षय और शंटी लगातार आरजू बिश्नोई के संपर्क में थे जो रंगदारी से जो भी पैसा आता है, पैसे को कहां से कलेक्ट करना है, वह योगेश को बताते थे। योगेश और कुलदीप लोकेशन पर जाकर पैसा कलेक्ट कर लेकर आते थे। इसके बाद इस पैसे को अलग-अलग राज्यों में गैंगस्टर को भेजते थे। एसपी ने बताया- राज्यभर में यह पहली ऐसी कार्रवाई है जो आर्थिक संगठित अपराध के खिलाफ हुई है। पुलिस ने शंटी के बहनोई मनीष बिश्नोई को भी डिटेन कर रखा है, जिससे बड़े खुलासे हो रहे हैं। USTD को कैश में कन्वर्ट कराते थे एसपी ने बताया- आरोपियों के पास यह पैसा यूएसडीटी (USTD) के माध्यम से गंगानगर-हनुमानगढ़ और हरियाणा के इसी चैनल के माध्यम से आता था। आरोपी दूसरे के नाम पर म्यूल अकाउंट्स खुलवा लेते हैं और बाद में यूएसटीडी खरीद लेते। इसके बाद यूएसटीडी को बेच देते हैं और कैश ले लेते हैं। पैसे का लेनदेन करवाने के लिए आरोपी ऐसे लोगों को चुनते हैं, जिनके खिलाफ कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं हो और पुलिस को भी कोई शक न हो। जांच में आया लॉरेंस गैंग का नाम जांच में पता चला कि गैंग के सदस्य साहिल उर्फ शंटी और अक्षय कुमार, आरजू बिश्नोई और लॉरेंस गैंग के लिए काम करते हैं। लॉरेंस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… राजस्थान का सुनील मीणा लॉरेंस गैंग का नया मास्टरमाइंड: फिरौती के लिए बिजनेसमैन को धमकी भरे कॉल, पाकिस्तान से हथियारों की सप्लाई में रोल गैंगस्टर लॉरेंस-रोहित गैंग के सदस्य को अमेरिका में पकड़ा:4 साल पहले भागा था विदेश; बदमाशों को पैसे-फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता था क्या लॉरेंस और उसका भाई अनमोल आतंकियों से मिले हैं?: NIA के सामने उगल सकते हैं बड़े राज, पाकिस्तान से ड्रोन से हथियार मंगवाने की आशंका

