923 बालिकाओं को स्वेटर और जूते-मोज़े वितरित:'सखियों की बाड़ी' पहल के तहत 31 केंद्रों पर वितरण
सलूम्बर शीतकाल में बालिकाओं की शिक्षा को निरंतर बनाए रखने और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने की दिशा में सलूम्बर ब्लॉक में एक सराहनीय पहल सामने आई है। आईआईएफएल फाउंडेशन एवं गायत्री सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा संयुक्त रूप से संचालित बालिका शिक्षा कार्यक्रम “सखियों की बाड़ी” के अंतर्गत सलुम्बर ब्लॉक के 31 केंद्रों पर अध्ययनरत 923 बालिकाओं को निःशुल्क स्वेटर, जूते एवं मोज़े वितरित किए गए। यह वितरण कार्यक्रम न केवल बालिकाओं को ठंड से सुरक्षा प्रदान करने का माध्यम बना, बल्कि शिक्षा के प्रति उनके आत्मविश्वास और निरंतर जुड़ाव को भी सशक्त करने वाला साबित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झल्लारा थाना अधिकारी जय किशन फुलवारिया ने कहा कि “बालिका शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सम्मान, आत्मनिर्भरता और सुरक्षित भविष्य की आधारशिला है। शिक्षित बालिकाएं अपने अधिकारों को समझती हैं, सही निर्णय लेने में सक्षम बनती हैं और समाज के विकास में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।” उन्होंने ‘सखियों की बाड़ी’ जैसे कार्यक्रमों को विद्यालय छोड़ने की प्रवृत्ति को रोकने में प्रभावी बताया। कार्यक्रम में झल्लारा प्रधान धूलिराम मीणा, चिबोड़ा ग्राम पंचायत सरपंच नाराभाई मीणा, एएनएम टाकू मीणा, सीएचओ हेमलता डामोर, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भटवाड़ा के प्रधानाचार्य यशवंत मेहता, आशा सहयोगिनी संगीता जैन एवं मेवल मंडल महामंत्री लालूराम पटेल की गरिमामयी उपस्थिति रही। सभी अतिथियों ने बालिकाओं को सामग्री वितरित कर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय नागरिकों, साथिनों एवं अभिभावकों ने आईआईएफएल फाउंडेशन के निदेशक मधु जैन तथा गायत्री सेवा संस्थान के निदेशक शैलेन्द्र पंडया का आभार व्यक्त किया। समुदाय ने विश्वास जताया कि ऐसे प्रयास बालिकाओं को शिक्षा से जोड़े रखने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। ब्लॉक समन्वयक रमेश चौबीसा ने बालिका शिक्षा के महत्व, बालिकाओं के अधिकारों तथा सामुदायिक सहभागिता की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला।इस अवसर पर क्लस्टर हेड दौलत राम मीणा, दिलीप मीणा, दक्षा सुमेर सिंह, देवीलाल मीणा, चौपाल सदस्य, केंद्रों से जुड़ी साथिनें, अभिभावक एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।