मीटिंग में भिड़ गए भाजपा और BAP सांसद:MLA नौक्षम बोलीं- मेरा कनेक्शन भी काट दो; पूर्व मंत्रीजी ने साधे सुर
नमस्कार ठंड बढ़ रही है। पारा गिर रहा है, लेकिन डूंगरपुर की दिशा बैठक में अचानक तापमान बढ़ गया। बहुत गर्मी हो गई। डीग में 'विकास रथ' के रास्ते में पानी की किल्लत मुसीबत बनकर आई, लेकिन विधायक मैडम ने रास्ता निकाल लिया। बीकानेर और गीत-संगीत की बात हो तो केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम याद आते हैं। इस बार विपक्षी पार्टी के सीनियर नेता कल्ला जी का गायन सुनिए। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में... 1. सांसद से विधायक ने कहा- लड़ना है तो बाहर आओ.. रात में पारा जमाव बिंदु तक पहुंच रहा है। पत्तों पर बर्फ की परत जमने के दिन आ गए हैं। मौसम काफी ठंडा है। हालांकि अलाव की तस्वीरें अभी नहीं आ रही हैं। लेकिन डूंगरपुर से जो तस्वीरें आईं, उनमें भयंकर गर्मा-गर्मी नजर आई। सांसद का पारा हाई। दूसरे सांसद का तापमान भी ऊपर। विधायक जी ने तो आग ही उगल दी। मामला दिशा की बैठक का है। माननीय दिशाहीन हो गए। खूब तू-तड़ाक हुआ। गार्ड बीच में न आया होता तो जूतम-पैजार ही बाकी था। 'बाहर चलने' तक की धमकियां उजागर हुईं। भाजपा सांसद मन्नालाल चाहते थे कि मीटिंग में वे ही मुद्दे उठाए जाएं, जो केंद्र सरकार की गाइड लाइन में हैं। बीएपी सांसद को इसी पर एतराज था। वे दूसरे मुद्दे उछालने लगे। इसी को लेकर दोनों सांसद भिड़ पड़े। इस बीच बीएपी के विधायक उमेश डामोर को भी जोश आया। मन्नालाल जी से कहा- लड़ना ही है तो बाहर चलो मैदान में। सुझाव अच्छा है। मीटिंग में गर्मा-गर्मी कर AC फेल करने से बेहतर है चौक-चौराहों पर लड़ें और गर्मी बढ़ाकर जनता को सर्दी से राहत दें। 2. नौक्षम बोलीं- मेरे दफ्तर का कनेक्शन भी काट दो.. सरकार के दो साल पूरे हो गए। ऐसे में लोगों को याद दिलाया गया कि उनके आस-पास विकास के क्या-क्या हुए हैं। यह कार्य करने के लिए बाकायदा विकास रथ निकाला गया। विकास रथ घूमते-घूमते डीग के कामां पहुंचा। विकास के काम यूं तो सामान्य तरीके से भी गिनाए जा सकते थे। लेकिन वहां टेंट लगाया गया। माइक की व्यवस्था की गई। लोगों की भीड़ जुटाई गई। कामां विधायक नौक्षम चौधरी विकास कार्य गिनातीं, इससे पहले ही लोगों ने कहा कि 6 दिन से पानी की बूंद नहीं आ रही। उनका तात्पर्य बारिश से नहीं था। वे जलदाय व्यवस्था पर सवाल उठा रहे थे। विकास का रथ खड़े-खड़े ही धंसने लगा। नौक्षम चौधरी ने कर्ण की तरह पहिया थाम लिया। मोबाइल निकाला और सीधे जिम्मेदार अफसर को फोन मिला दिया। उन्होंने कहा- इलाके में पानी नहीं आ रहा। यह एक वार्ड की समस्या नहीं है। यहां कई वार्ड के लोग हैं। तुरंत प्रभाव से काम कीजिए। नहीं हो रहा तो मुझे बताइए। व्यवस्था सुधार लीजिए। ये लोग कहां जाएंगे? पानी नहीं दे सकते तो एक काम करो कि मेरे भी दफ्तर का पानी बंद कर दीजिए। छह दिन में एक बार सप्लाई कीजिए। अब शिकायत नहीं आनी चाहिए वरना देख लेना। मैडम के इस अंदाज ने काम किया और विकास रथ का धंसा हुआ पहिया बाहर आ गया। तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। जयकारे लग गए। 3. कल्लाजी ने गाया गीत-धरती धोरां री.. बीकानेर में अलग ही तरह का कॉम्पिटिशन चल रहा है। यहां दूसरे काम भले हों या नहीं हों। लेकिन गाहे-बगाहे माननीयों से गीत-संगीत सुनने को जरूर मिल जाता है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल तो कोई मौका ही नहीं छोड़ते। हाल ही में श्रीगंगानगर में मुख्यमंत्रीजी की मौजूदगी में गाने के लिए इजाजत ली थी। कहा-आपकी अनुमति हो तो एक गाना सुना दूं? उनके गीत गाने के शौक पर विपक्षी पार्टी के विधायक गोविंद राम मेघवाल चुटकी भी ले चुके हैं। एक मौके पर उन्होंने कहा था- अर्जुन राम जी जहां जाते हैं यही कहते हैं कि गीत सुना दूं, भजन सुना दूं। आप केंद्रीय मंत्री हो, काम के काम करो न। हाल ही बीकानेर में महेश ट्रेड फेयर हुआ। इसमें पूर्व मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता बीडी कल्ला मंच पर थे। पास में थे मशहूर राजस्थानी लोक गायक इस्माइल लंगा। उनका गायन सुन कल्ला जी को जोश आ गया। कल्ला जी ने माइक थामा और गाने लगे- धरती धोरां री...ओ...धरती धोरां री... विपक्षी दलों की ओर से भाजपा नेताओं को कड़ी टक्कर मिल रही है। अब तो संगीत का क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। 4. चलते-चलते.. भागते-दौड़ते यह साल भी निकल ही गया। सड़कें चकाचक हो गई हैं। एक्सप्रेस-वे बन गए हैं। और बन रहे हैं। बहुत बनेंगे। लेकिन चलने का शऊर आना चाहिए। इस साल कितनी ही घटनाओं ने चेतावनी दी कि सड़क पर संभल कर चलें। गति को सीमा में रखें। अपनी लेन में चलें। सुरक्षा मानकों का ध्यान रखें। हादसों से सीखने की जरूरत है। रुकने की नहीं। थमने की नहीं। अपने आप को दौड़ के लिए हमेशा तैयार रखना होगा। चाहे सड़क हो या फिर उम्र। बात सीकर मैराथन की है। रात का वक्त था। सर्दी का जोर था। 10 किलोमीटर की मैराथन में कई युवा दौड़ लगा रहे थे। इस बीच सिर पर तौलिया डाले 82 साल के बुजुर्ग दौड़ते नजर आए। टीशर्ट पर लगे मैराथन के लोगो से पता चला कि वे भी 10 किलोमीटर की दौर में शामिल थे। साथ दौड़ रहे युवक ने वीडियो बनाया। उसने कहा- यही तो असली मोटिवेशन है। इस जज्बे को देखकर लगता है कि हमने कुछ नहीं किया। वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी...



