गहलोत बोले-अरावली पर केंद्र और पर्यावरण-मंत्री भ्रमित कर रहे थे:सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करने वाली CEC क्यों खत्म की, उसे बहाल करें, आधी समस्या हल हो जाएगी
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा- सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। अरावली पर केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्री लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने कहा- अब तक पता नहीं केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्री के क्यों नहीं समझ आ रहा था। पता नहीं वो क्यों जिद्दी स्वभाव पर अड़े थे। जनभावनाएं इसके खिलाफ थीं। सबके समझ आ रहा था, लेकिन केंद्र सरकार और मंत्री जिद पर अड़े थे। गहलोत जयपुर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री जवाब दें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी वाली सीईसी क्यों खत्म की? गहलोत ने कहा- पहले जो सीईसी बनी थी, वो सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करती थी। उसको खत्म क्यों किया गया, इसका मंत्री जवाब दें।? खत्म करके सीईसी के नाम से ही अपने विभाग की कमेटी बना दी। वह कमेटी असेसमेंट करके रिपोर्ट सरकार को देगी। सरकार चाहे तो उसे माने या नहीं माने। पहले वाली कमेटी सीधे सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट करती थी। उसका महत्व था। उस कमेटी में जज, एक्टिविस्ट, एक्सपर्ट थे। सुप्रीम कोर्ट की बनाई हुई थी। उसकी मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट करता था। उस कमेटी को वापस बनवा दीजिए, आधी समस्या हल हो जाएगी। लोग समझ जाएंगे, अब जो फैसले होंगे, वह सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की राय के आधार पर होंगे। न्याय मित्र ने इस्तीफा क्यों दिया, वो आज भी रहस्य गहलोत ने कहा- आपका जो न्याय मित्र था, उसने भी इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा क्यों दिया यह रहस्य बना हुआ है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आज उसी को वापस न्याय मित्र नियुक्त किया है। मैं उम्मीद करता हूं कि जो गाड़ी पटरी पर उतर गई थी,वापस आएगी। पर्यावरण मंत्री लोगों को भ्रमित कर रहे थे गहलोत ने कहा- अरावली को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। पहले जनता में जो आक्रोश पैदा हुआ, लोग सड़कों पर आए प्रदर्शन किया, एक मैसेज दिया कि इस फैसले को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह केंद्र सरकार और पर्यावरण मंत्री के लिए भी अवसर है। मैंने पहले भी कहा था कि इस पर राजनीति नहीं करनी है, लेकिन आपको खुद को अपना विचार बदलना पड़ेगा। आपने जो सरिस्का में फैसला करवाने का प्रयास किया इससे आपके जिले में बहुत आक्रोश है। दूसरा जो फैसला केंद्र में हुआ था। उसको लेकर भी आप सपोर्ट कर रहे थे। लोगों को भ्रमित कर रहे थे। आने वाली पीढ़ियों का भविष्य देखकर फैसला करें गहलोत ने कहा- आप लोगों ने आदेश जारी करवा दिया कि राज्य सरकार अरावली रेंज में कोई नई खानें नहीं दे पाएगी। वह तो पिछले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भाग था। आपने मैसेज देने का प्रयास किया कि अब वहां माइंस नहीं देंगे। वो तो पहले का फैसला था कि जब तक जिलेवार प्लानिंग नहीं होगी तब तक आप माइंस नहीं दे पाओगे,इस प्रकार का आपका रवैया रहा वह उचित नहीं था।

