जैसलमेर से CM को भेजे 101 खून से लिखे पोस्टकार्ड:12000 नर्सिंग ऑफिसर और 5000 ANM पदों पर बोनस-मेरिट भर्ती की गुहार
जैसलमेर के संविदा नर्सिंग कर्मियों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए एक भावुक और कड़ा विरोध प्रदर्शन किया। नर्सिंग यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के नाम अपने खून से 101 पोस्टकार्ड लिखकर भेजे। नर्सेज का कहना है कि वे वर्षों से अल्प वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन अब उनके सब्र का बांध टूट रहा है। नर्सेज ने प्रदर्शन के दौरान राजस्थान सरकार को संविदा कर्मियों को नियमित करने के अपने वादे की याद दिलाई। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी इन जायज मांगों पर जल्द ही सकारात्मक रुख नहीं अपनाया, तो वे आंदोलन को और अधिक उग्र करने के लिए मजबूर होंगे। खून से लिखे ये पोस्टकार्ड अब जयपुर के गलियारों में नर्सेज की पीड़ा और उनके संघर्ष की गूंज पहुंचाएंगे। 2018 और 2023 की तर्ज पर हो भर्ती यूनियन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट मांग रखी है कि आगामी नर्सिंग और पैरामेडिकल भर्ती को पुरानी भर्तियों (2018 व 2023) की तर्ज पर 'बोनस + मेरिट' के आधार पर करवाया जाए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में 12,000 नर्सिंग ऑफिसर और 5,000 ANM के पदों पर नई विज्ञप्ति जारी की जाए। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि अनुभव के आधार पर बोनस अंक मिलने से उन संविदा कर्मियों को लाभ मिलेगा जो पिछले कई सालों से सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं। 'ठेका सिस्टम' को बताया बंधुआ मजदूरी नर्सिंग यूनियन ने वर्तमान में चल रही ठेका प्रथा पर तीखा प्रहार किया है। यूनियन के नेताओं ने कहा कि ठेका प्रथा के माध्यम से की जा रही भर्तियां शिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय हैं। इसमें युवाओं को बहुत कम वेतन दिया जाता है, जो उनके शोषण का जरिया बन चुका है। उन्होंने इसे 'बंधुआ मजदूरी' की संज्ञा देते हुए मांग की कि सरकार सीधे पदों पर भर्ती निकाल कर नर्सेज को नियमित रोजगार का अवसर प्रदान करे। विभिन्न योजनाओं में अटके हजारों नर्सेज का भविष्य गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग की प्रमुख योजनाओं जैसे NRHM, NHM, RMRS, NCD, 108 और PPP मोड के अंतर्गत हजारों नर्सेज वर्षों से कार्यरत हैं। ये कर्मचारी नियमितीकरण से वंचित हैं और लंबे समय से स्थायी होने का रास्ता खोज रहे हैं। नर्सेज ने कहा- हमने कोरोना काल से लेकर हर स्वास्थ्य संकट में सरकार का साथ दिया है, लेकिन आज हमें अपने हक के लिए खून से पत्र लिखने पड़ रहे हैं। सरकार के वादे की दिलाई याद नर्सेज ने प्रदर्शन के दौरान राजस्थान सरकार को संविदा कर्मियों को नियमित करने के अपने वादे की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि यदि 17,000 पदों पर मेरिट और बोनस के आधार पर भर्ती की जाती है, तो इससे न केवल हजारों परिवारों को संबल मिलेगा, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी इन जायज मांगों पर जल्द ही सकारात्मक रुख नहीं अपनाया, तो वे आंदोलन को और अधिक उग्र करने के लिए मजबूर होंगे। खून से लिखे ये पोस्टकार्ड अब जयपुर के गलियारों में नर्सेज की पीड़ा और उनके संघर्ष की गूंज पहुंचाएंगे।