नरेश मीणा बोले-धारीवाल ने पायलट को CM बनने से रोका:कहा-अमित शाह, बिरला और भाया ने मिलकर मुझे हराया; जानिए किसको बताया जयचंद
मेरे पास भीलवाड़ा से कार्यकर्ता का फोन आया। उसने कहा कि आप चुनाव वोटों से नहीं हारे हैं, आपको मशीन से चुनाव हरवाया गया है। मैं यह दिखाना चाहते हूं कि किस तरह से ओम बिरला, अमित शाह और प्रमोद जैन भाया ने मिलकर मशीन को हैक करके मुझे हराया है। यह बात किसान नेता और भगत सिंह सेना के अध्यक्ष नरेश मीणा ने बूंदी में कही। नरेश मीणा रविवार दोपहर करीब 2 बजे हेलिकॉप्टर से हिंडोली-नैनवां विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कोलाहेड़ा में भगवान देवनारायण के मेले में पहुंचे। हजारों समर्थकों ने उनका जोरदार स्वागत किया। कंधे पर बैठाकर मंच तक पहुंचाया। नरेश मीणा बोले-कुछ लोग चाहते थे कि मैं चुनाव हार जाऊं नरेश मीणा ने कहा कि पहली बार हिंडोली विधानसभा क्षेत्र में मेरा हेलिकॉप्टर उतरा है। अंता विधानसभा का उपचुनाव देखने वाले सभी राजनीतिक जानकार आज इस जनसमुदाय पर नजर रखे हुए हैं। कुछ लोग चाहते थे कि मैं चुनाव हार जाऊं। समाज का भाईचारा टूट जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीति में आने के बाद से मैंने हमेशा किसान और समाज की एकता का झंडा उठाया है। मैं किसान के घर में पैदा हुआ और खेत-खलिहानों में पला-बढ़ा। यदि मैं राजनीति में कुछ बन पाया तो अपना सब कुछ किसान कौम के लिए न्योछावर कर दूंगा। 'कुछ लोग नहीं चाहते थे कि किसान कौम एक जाजम पर बैठे' नरेश मीणा ने कहा कि जब भी किसान कौम को एकजुट करने का प्रयास हुआ, तब-तब राजनीतिक षड्यंत्र रचे गए। राजस्थान कि राजनीति में मैंने सचिन पायलट, प्रहलाद गुंजल और हनुमान बेनीवाल के साथ किसान हित में काम किया, लेकिन कुछ लोग नहीं चाहते थे कि किसान कौम एक जाजम पर बैठे, क्योंकि इससे उनकी गिनती की वोटों वाली राजनीति खत्म हो जाती। 'कोलाहेड़ा गांव गुर्जर-मीणा एकता की मिसाल' नरेश मीणा ने कहा- भगवान देवनारायण की पूजा विशेष रूप से गुर्जर समाज करता है, लेकिन यह पहला उदाहरण है कि जिस गांव में भगवान देवनारायण का मंदिर है, मेला लगता है और पूरा गांव मीणा समाज का है। कोलाहेड़ा गांव ने गुर्जर–मीणा एकता और सामाजिक भाईचारे को मजबूत करने का उदाहरण पेश किया है। 'शांति धारीवाल ने ही पायलट को सीएम बनने से रोका' अंता विधानसभा उपचुनाव का उल्लेख करते हुए नरेश मीणा ने कहा कि जब मैं चुनाव लड़ रहा था तब सर्व समाज, विशेषकर गुर्जर समाज ने मुझे समर्थन दिया। सर्वसमाज मुझे विधानसभा भेजना चाहता था, जिससे किसानों की आवाज मजबूत हो। यदि मैं विधानसभा पहुंचता तो शांति धारीवाल का राजनीतिक इलाज कर देता, क्योंकि शांति धारीवाल ने ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोका था। उन्होंने कहा कि मैं ओम बिरला और शांति धारीवाल जैसे नेताओं की राजनीति का अंत करने का काम भी करता। बिना नाम लिए चांदना पर भी बोला हमला नरेश मीणा ने बिना नाम लिए हिंडोली विधायक अशोक चांदना पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा- ऐसा ही एक जयचंद है, जिसे मेरे समाज के लोगों ने 3 बार वोट देकर विधायक बनाया। उस व्यक्ति ने सचिन पायलट को कमजोर करने का काम किया, कोटा में प्रहलाद गुंजल को कमजोर किया और बाद में अपने स्वार्थ के लिए अपने पिता के दुश्मनों से जा मिला। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति न सचिन पायलट का हुआ, न प्रहलाद गुंजल का और न ही अपने समाज का। 'मेरी राजनीतिक हत्या की कोशिश की गई' नरेश मीणा ने कहा-अभी 2028 के चुनाव में 3 साल का समय है, लेकिन मुझे हराने के लिए एक नहीं बल्कि कई लोग एकजुट हो गए है। जिस प्रकार अभिमन्यु को हराने के लिए कौरवों ने मिलकर षड्यंत्र किया, उसी प्रकार नरेश मीणा की राजनीतिक हत्या का प्रयास किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि केशोरायपाटन विधायक सीएल प्रेमी, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मिलकर षड्यंत्र किया और मुझे हराया, क्योंकि ये लोग किसान कौम की एकता नहीं देखना चाहते थे। 'जानलेवा हमला किया गया' नरेश मीणा ने कहा कि मुझ पर जानलेवा हमला किया गया, इसके बावजूद मुझे ही आरोपी बनाकर धारा 307 का मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि जहां सामान्य मामलों में 3 दिन में जमानत हो जाती है, वहीं मुझे समरावता कांड के बाद 8 महीने तक जेल में रखा गया। 'मैं जेल से डरने वाला नहीं' नरेश मीणा ने ओम बिरला का नाम लेते हुए कहा कि राजनीतिक दबाव में मुझे आठ महीने तक जेल में रखवाया गया, लेकिन मैं जेल से डरने वाले नहीं हूं। उन्होंने कहा कि वे मुझे जेल में डाल सकते हैं, लेकिन जनता और मेरे समर्थकों की भावनाओं को नहीं रोक सकते। भगत सिंह की सेना घर-घर और सड़क-सड़क जाकर जनविरोधी राजनीति करने वालों को जवाब देगी। हिंडोली में मैं अपने किसी मजबूत भाई को आगे करूंगा। जिन्होंने आपके बेटे और भाई को कमजोर किया है, उन्हें चुनाव में सबक सिखाया जाएगा। अंत में भगवान देवनारायण के चरणों में शीश झुकाकर नरेश मीणा ने जनता से भाईचारा बनाए रखने, व्यक्तिगत प्रतिक्रिया से बचने और आने वाले चुनाव में जवाब देने की अपील की।