बाड़मेर में CUET पर सेमीनार 4 को:एमएलए भाटी के शैक्षणिक प्रोग्राम नींव में शामिल होंगे 3 जिलों के स्टूडेंट्स, मिलेंगी परीक्षा पेटर्न की नॉलेज
बाड़मेर जिले के शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी के शैक्षणिक प्रोग्राम नींव का आयोजन 4 जनवरी को महावीर टाउन हॉल में होगा। इसमें बाड़मेर, जैसलमेर और बालोतरा जिले के स्टूडेंट्स को CUET (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) को पास करने के टिप्स बताए जाएंगे। भाटी ने कहा- सीमांत इलाके के स्टूडेंट के भविष्य की नींव रखने की ऐतिहासिक पहल है। विधायक भाटी ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने नए शैक्षणिक कार्यक्रम “नींव” की घोषणा करते हुए इसे क्षेत्र के प्रतिभाशाली स्टूडेंट के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत आधारशिला बताया। अपने संदेश में विधायक भाटी ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए CUET (Common University Entrance Test) आज सबसे महत्वपूर्ण माध्यम बन चुका है। इसके तहत Jawaharlal Nehru University (JNU), University of Delhi (DU), Banaras Hindu University (BHU) सहित अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हर साल लाखों स्टूडेंट एडमिशन के लिए एग्जाम में सम्मिलित होते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ सालों में पश्चिमी राजस्थान के सीमांत इलाकों से निकलकर बड़ी संख्या में स्टूडेंट ने CUET के माध्यम से इन शीर्ष संस्थानों में स्थान बनाया है। आज ये विद्यार्थी न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। वर्तमान समय में हमारे इन क्षेत्रों से हजारों छात्र केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत हैं, जो पूरे क्षेत्र के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है। 4 जनवरी को होगा सेमीनार CUET के अनुभवी विशेषज्ञ 4 जनवरी को होने वाले सेमिनार में स्टूडेंट्स को परीक्षा पैटर्न, तैयारी की रणनीति, काउंसलिंग प्रक्रिया, कोचिंग विकल्पों और प्रवेश से जुड़ी तमाम तकनीकी जानकारियों से अवगत कराएंगे। साथ ही विद्यार्थियों की सभी शंकाओं का व्यावहारिक और स्पष्ट समाधान किया जाएगा। गूगल फॉर्म लिंक से करवाए रजिस्ट्रेशन विधायक भाटी ने बताया कि स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए एक गूगल फॉर्म लिंक साझा किया जा रहा है। इसमें सामान्य जानकारी भरकर पंजीकरण किया जा सकेगा, ताकि सेमिनार को अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाया जा सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 4 जनवरी को आयोजित होने वाला यह सेमिनार सीमांत क्षेत्र के विद्यार्थियों के शैक्षणिक भविष्य की मजबूत नींव साबित होगा, जिसके सकारात्मक और दूरगामी परिणाम आने वाले सालों में स्पष्ट रूप से देखने को मिलेंगे।