पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज करने की मांग:युवक की मौत के मामले में न्यायिक जांच की मांग की, कलेक्टर से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल
झालावाड़ विधि विभाग कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर अनिल राव की मौत के मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल ने मामले की न्यायिक मजिस्ट्रेट से जांच कराने की भी मांग की। प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पूनिया के निर्देश पर यह प्रतिनिधिमंडल पूर्व जिलाध्यक्ष रघुराज सिंह हाड़ा के नेतृत्व में मृतक अनिल के परिजनों से मिला। परिजनों ने बताया कि उन्होंने पहले ही जिला कलेक्टर और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिखित में दोषी पुलिसकर्मियों के नाम और घटना का पूरा विवरण दिया था। परिजनों के अनुसार, इतनी जानकारी देने के बावजूद अब तक मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में बताया कि संज्ञेय अपराध होने पर तुरंत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। नियमानुसार मृतक का पोस्टमॉर्टम भी न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में होना चाहिए था। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि तुरंत एफआईआर दर्ज की जाए। साथ ही, मामले का अनुसंधान और जांच सुप्रीम कोर्ट और मानवाधिकार आयोग की गाइडलाइन के अनुसार न्यायिक मजिस्ट्रेट से करवाई जाए। क्या है मामला 18 दिसंबर को झालावाड़ शहर में चाकूबाजी की एक घटना हुई थी। पुलिस के मुताबिक, इस मामले में झालावाड़ निवासी अनिल राव वांछित था। जब पुलिस उसे पकड़ने गई, तो वह भागने लगा और गिरकर चोटिल हो गया। उसे झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से बाद में कोटा रेफर कर दिया गया। कोटा में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वहीं, अनिल के परिजन घटना के बाद से ही लगातार पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि कुछ पुलिसकर्मी उनके बेटे को जबरन उठाकर ले गए और उसके साथ गंभीर मारपीट की। तबीयत बिगड़ने पर उसे झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल में छोड़ दिया गया। परिजनों को सूचना मिलने पर वे उसे कोटा ले गए, जहां इलाज के दौरान अनिल की मौत हो गई। घटना के बाद रविवार को झालावाड़ अस्पताल में परिजनों और समाज के लोगों ने करीब दो घंटे तक विरोध प्रदर्शन भी किया था।
