नागौर में मौसमी बीमारी के मरीज बढ़े:OPD की लंबी लाइनों से मरीज परेशान, पीएमओ बोले- काउंटर कम पड़ रहे
दिसंबर के आखिरी दिनों में मौसम के अचानक बदले मिजाज और लगातार गिरते पारे ने नागौर जिले में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ठंड के साथ ही मौसमी बीमारियों ने दस्तक दे दी है, जिसका असर राजकीय जेएलएन जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है। अस्पताल की ओपीडी जो सामान्य दिनों में 1300 के करीब रहती थी, वह अब 1500 के पार पहुंच चुकी है। अस्पताल में लगी कतारें जिले के सबसे बड़े अस्पताल में इलाज की उम्मीद लेकर पहुंच रहे मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर सुबह 8 बजे से ही लंबी-लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती हैं। इन कतारों में खड़ी महिलाएं, अपनी गोद में बीमार बच्चों को थामे माताएं और कांपते पैरों के साथ बुजुर्ग अपनी बारी का इंतजार करते हुए बेहद परेशान नजर आए। बीमारी कोई भी हो, लाइन एक ही अस्पताल की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यहां अव्यवस्थाओं के चलते गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति और सामान्य सर्दी-जुकाम वाले मरीज को एक ही कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। मरीजों ने बताया कि घंटों इंतजार के बाद पर्ची कटती है, फिर उतनी ही लंबी कतार डॉक्टर को दिखाने और दवा लेने के लिए लगानी पड़ती है। जगह की कमी और भीड़ के कारण अस्पताल के बरामदे और गलियारे मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं। काउंटरों की कमी बनी मुसीबत बढ़ते मरीजों और अव्यवस्थाओं पर पीएमओ डॉ. आर.के. अग्रवाल ने बताया कि मौसम में आए बदलाव की वजह से मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने माना कि अस्पताल में औषधि वितरण केंद्र (DDC) और पंजीकरण खिड़कियां पर्याप्त नहीं हैं, जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, ठंड लगने, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतों वाले मरीज सर्वाधिक आ रहे हैं। घंटों का इंतजार अस्पताल में इलाज के लिए आए ग्रामीणों का कहना है कि वे दूर-दराज से इस उम्मीद में आते हैं कि जल्दी इलाज मिलेगा, लेकिन यहां की व्यवस्थाएं उनकी बीमारी को और बढ़ा रही हैं। कई घंटों तक भूखे-प्यासे और कड़ाके की ठंड में कतार में खड़े रहने से मरीजों की हालत और अधिक बिगड़ रही है।
दिसंबर के आखिरी दिनों में मौसम के अचानक बदले मिजाज और लगातार गिरते पारे ने नागौर जिले में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हाड़ कंपाने वाली ठंड के साथ ही मौसमी बीमारियों ने दस्तक दे दी है, जिसका सबसे भयावह असर राजकीय जेएलएन जिला अस्पताल में देखने को मिल रहा है। अस्पताल की ओपीडी जो सामान्य दिनों में 1300 के करीब रहती थी, वह अब 1500 के पार पहुंच चुकी है। अस्पताल परिसर बना 'कतारों का टापू' जिले के सबसे बड़े अस्पताल में इलाज की उम्मीद लेकर पहुंच रहे मरीजों को भारी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के ओपीडी काउंटर पर सुबह 8 बजे से ही लंबी-लंबी कतारें लगनी शुरू हो जाती हैं। इन कतारों में खड़ी महिलाएं, अपनी गोद में बीमार बच्चों को थामे माताएं और कांपते पैरों के साथ बुजुर्ग अपनी बारी का इंतजार करते हुए बेहद परेशान नजर आए। बीमारी कोई भी हो, लाइन एक ही अस्पताल की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यहां अव्यवस्थाओं के चलते गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति और सामान्य सर्दी-जुकाम वाले मरीज को एक ही कतार में खड़ा होना पड़ रहा है। मरीजों ने बताया कि घंटों इंतजार के बाद पर्ची कटती है, फिर उतनी ही लंबी कतार डॉक्टर को दिखाने और दवा लेने के लिए लगानी पड़ती है। जगह की कमी और भीड़ के कारण अस्पताल के बरामदे और गलियारे मरीजों से खचाखच भरे हुए हैं। पीएमओ ने माना: काउंटरों की कमी बनी मुसीबत बढ़ते मरीजों और अव्यवस्थाओं पर पीएमओ डॉ. आर.के. अग्रवाल ने बताया कि मौसम में आए बदलाव की वजह से मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। उन्होंने स्वीकार किया कि अस्पताल में औषधि वितरण केंद्र (DDC) और पंजीकरण खिड़कियां पर्याप्त नहीं हैं, जिसकी वजह से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, ठंड लगने, बुखार और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतों वाले मरीज सर्वाधिक आ रहे हैं। ग्राउंड रिपोर्ट: घंटों का इंतज़ार और बेबसी अस्पताल में इलाज के लिए आए ग्रामीणों का कहना है कि वे दूर-दराज से इस उम्मीद में आते हैं कि जल्दी इलाज मिलेगा, लेकिन यहां की व्यवस्थाएं उनकी बीमारी को और बढ़ा रही हैं। कई घंटों तक भूखे-प्यासे और कड़ाके की ठंड में कतार में खड़े रहने से मरीजों की हालत और अधिक बिगड़ रही है।