RGHS में जिले के केमिस्टों का 10 करोड़ भुगतान अटका, बोले- जल्द भुगतान नहीं तो योजना का बहिष्कार के साथ करेंगे हड़ताल
इधर, केमिस्ट एसो. एलायंस की बैठक में उठा मुद्दा, बोले-स्वच्छ व्यापार करने वालों को मिले तुरंत भुगतान: राजस्थान केमिस्ट एलायंस की जोधपुर में हुई बैठक में यह मुद्दा जिला केमिस्ट एसो. के पदाधिकारियों की ओर से उठाया गया। इसमें जिलाध्यक्ष राजेश बंसल, महासचिव महेंद्र कासनिया और वरिष्ठ केमिस्ट कमल बंसल शामिल हुए। बैठक में एलायंस के प्रदेशाध्यक्ष अरविंद गुप्ता, सचिव धनपत सेठिया व AIOCD महासचिव राजीव सिंगल ने कहा कि RGHS में अधिकृत मेडिकल स्टोर संचालक अगर अनुचित तरीके से फर्जी बिल पेश करके पैसा उठाना है तो सरकार उस पर कार्रवाई करें जिस पर केमिस्ट एसोसिएशन को कोई एतराज नहीं है, लेकिन स्वच्छ व्यापार करने वाले केमिस्टों को भुगतान समय पर मिले यह सरकार सुनिश्चित करें। जिलाध्यक्ष राजेश बंसल और महासचिव महेंद्र कासनिया ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो हनुमानगढ़ जिले में प्रशासन को पूर्व सूचना देकर हड़ताल का विकल्प खुला रहेगा। सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा का कहना है कि आरजीएचएस के तहत संदिग्ध बिलों की जांच की जा रही है। भुगतान जल्द हो इसके लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है। योजना में पारदर्शिता के लिए अब हर माह होने वाले व्यय और बिलों की जानकारी संबंधित लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी। इससे मरीज भी जान सकेंगे कि उनके नाम से कौन-कौन सी दवाओं के बिल लगाए गए हैं। इसके अलावा ऑनलाइन सत्यापन और सॉफ्टवेयर में बदलाव किए गए हैं। आरजीएचएस योजना लागू होने के बाद दबाव बढ़ने के साथ ही मॉनिटरिंग कमजोर पड़ गई। इसी का फायदा उठाकर कुछ चुनिंदा मेडिकल स्टोरों ने नियमों की अनदेखी की। जब भुगतान राशि करोड़ों तक पहुंची तब उच्च स्तर पर सवाल उठे और जांच शुरू हुई। फिलहाल, भुगतान और जांच के बीच फंसी इस व्यवस्था का खामियाजा आम मरीज भुगत रहा है। हालांकि, व्यवस्था प्रभावित होने के बाद सरकार ने इस योजना में नोडल अधिकारी बदल दिया। अब जिला स्तर पर इस योजना का नोडल अधिकारी सीएमएचओ को बनाया गया है जबकि पहले बीमा एवं प्रावधायी विभाग था। भास्कर संवाददाता | हनुमानगढ़ आरजीएचएस (राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) के तहत जिले में दवा विक्रेताओं का करीब 10 करोड़ रुपए का भुगतान अटका हुआ है। इससे नाराज दवा विक्रेताओं ने आंदोलन की चेतावनी दी है। हालात यह हैं कि कई केमिस्ट पेंशनर्स और सरकारी कर्मचारियों को दवाएं देने में आनाकानी करने लगे हैं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। केमिस्टों का कहना है कि आरजीएचएस के तहत सप्लाई की गई दवाओं का भुगतान 5 से 6 माह से लंबित है। दुकानदारों पर कंपनियों का दबाव बढ़ रहा है, लेकिन सरकार की ओर से भुगतान नहीं हो रहा। ऐसे में आर्थिक संतुलन बिगड़ रहा है। एसोसिएशन ने साफ कहा है कि यदि शीघ्र भुगतान नहीं हुआ तो जिलेभर में आरजीएचएस के तहत दवा आपूर्ति बंद कर दी जाएगी। इधर, विभाग को बिलों में फर्जीवाड़े की भी शिकायतें मिली हैं। राजस्थान केमिस्ट एलायंस की बैठक में शामिल हुए जिला केमिस्ट एसो. के पदाधिकारी।