RPSC मेंबर बनने के लिए कटारा ने दिए थे 40-लाख:कांग्रेस नेता से 1.20 करोड़ में हुआ था सौदा; खोड़निया बोले-न रुपए लिए, न सिफारिश की
पेपर लीक मामले में आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया। कटारा ने कबूला कि उसने RPSC सदस्य बनने के लिए तत्कालीन डूंगरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश खोड़निया से 1 करोड़ 20 लाख रुपए में सौदा किया था। इसके लिए खोड़निया के सहयोगी अशोक जैन को 40 लाख रुपए दिए थे। कटारा ने कबूला कि ये 40 लाख रुपए वही थे, जो उसने परीक्षाओं में अभ्यर्थियों से साक्षात्कार में चयनित करने के बदले लिए थे। इसके बाद दिनेश खोड़निया ने एक वीडियो जारी कर सफाई दी। खोड़निया ने स्पष्ट किया कि बाबूलाल कटारा से उनका कोई लेना-देना नहीं है और न ही उन्होंने कटारा के लिए आरपीएससी सदस्य बनाने की कोई सिफारिश की थी। खोड़निया ने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं पर उनकी छवि बिगाड़ने के लिए षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही उन नेताओं के नाम उजागर करेंगे और पार्टी आलाकमान के सामने अपना पक्ष रखेंगे। ईडी और ट्रिब्यूनल कोर्ट ने मुझे बरी किया: खोड़निया खोड़निया ने कहा- जब पेपर लीक प्रकरण में बाबूलाल कटारा के माध्यम से मेरा नाम सामने आया था। तब मेरे घर और सभी संस्थान पर ईडी के छापे पड़ चुके हैं। उसके बाद ईडी के ऑफिस में मुझसे कई बार पूछताछ भी हुई। पूरे ढाई साल से यह प्रकरण चल रहा था। ईडी ने तहकीकात करने के बाद इस पूरे प्रकरण में मुझे क्लीन चिट दी। भारत सरकार की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने बाइज्जत बरी किया। मेरे घर जब्त किए गए 24 लाख रुपए मुझे रिलीज कर दिए। इस मामले में ईडी और अन्य किसी डिपार्टमेंट के पास मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है। खोड़निया ने कहा कि बाबूलाल कटारा से उनका कोई रिश्ता नहीं है और न ही उनसे कभी उनकी बात हुई है। उन्होंने दोहराया कि उन्होंने बाबूलाल कटारा को आरपीएससी सदस्य बनाने की सिफारिश कभी नहीं की। खोड़निया ने यह भी कहा कि उन्होंने इस प्रकरण में पहले भी ईडी को जांच में सहयोग किया था और आगे भी किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हैं। कटारा ने कबूला- RAS, कृषि अधिकारी व कॉलेज लेक्चरर भर्ती इंटरव्यू में लिए थे रुपए ईडी : किन-किन परीक्षाओं के इंटरव्यू में अभ्यर्थियों से रुपए लिए? कटारा : आरपीएससी की आरएएस, कृषि अधिकारी, कॉलेज लेक्चरर के इंटरव्यू के दाैरान अभ्यर्थियों काे अनुचित लाभ देने की एवज में 40 लाख रुपए मिले थे, वो ही दिए थे। इन अभ्यर्थियों से कुल कितनी राशि मिली, यह जानकारी नहीं। ईडी : आरपीएससी सदस्य रहने के दाैरान किन- किन लाेगाें ने आपसे संपर्क किया या अनुचित लाभ लिया? कटारा : इंटरव्यू में अनुचित लाभ लेने के लिए कई लाेगाें ने संपर्क किए थे। इसके बदले में नकद राशि मिली, लेकिन ये राशि कितनी मिली ये जानकारी नहीं। काेई भी अभ्यर्थी सीधे मेरे संपर्क में नहीं था। जानकारों के जरिए संपर्क में आते थे। ईडी : क्या दिनेश खोड़निया और अन्य विधायकों को सदस्य बनने के लिए अनुचित वित्तीय लाभ दिया? कटारा : दिनेश खोड़निया ने मुझसे आरपीएससी सदस्य बनाने की इच्छा पूछी थी। इस पर सहमति दे दी थी। इसके बदले में खोड़निया ने वित्तीय लाभ देने की बात कही। तब आश्वस्त किया था कि सदस्य बनने के बाद पूरे कार्यकाल यानी छह साल तक हर साल 20 लाख रुपए दूंगा। तब तत्कालीन डूंगरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश खोड़निया की अगुआई में विधायक गणेश गोगरा, खैरवाड़ा विधायक डॉ. दयाराम परमार, बागीदौरा विधायक महेन्द्र सिंह मालवीया, पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, जनजाति मंत्री अर्जुन बामणिया व प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा ने आरपीएससी सदस्य बनाने के लिए सीएम को सिफारिश की थी। इसके छह महीने बाद मेरा मनोनयन आरपीएससी सदस्य के पद पर कर दिया गया। किसी विधायक ने काेई राशि या किसी तरह का लाभ मेरे से नहीं लिया। ‘मैं और खोड़निया कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे, उनके क्षेत्र में बीडीओ भी रहा’ यह खबर भी पढ़ें... RPSC के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा की जमानत खारिज:ग्रेड सेकेंड टीचर भर्ती पेपर लीक मामले में भांजे को राहत; 2023 में किया था गिरफ्तार