RPSC का आरोप- ई-मित्र संचालक बिना योग्यता जांचे भरवा रहे भर्ती फॉर्म
जयपुर | राज्य में भर्ती परीक्षाओं में अनावश्यक मैनपावर और खर्च बढ़ने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने प्रदेशभर में संचालित ई-मित्र केंद्रों को भी जिम्मेदार माना है। इसे लेकर आरपीएससी ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी) को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। आरपीएससी का कहना है कि ई-मित्र संचालक कई मामलों में अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता की जांच किए बिना ही भर्ती आवेदन भरवा रहे हैं, जिससे बड़ी संख्या में अपात्र अभ्यर्थी फॉर्म जमा कर रहे हैं। आयोग ने इसे आपराधिक कृत्य बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है, ताकि परीक्षाओं में अनावश्यक श्रम और सरकारी धन के अपव्यय को रोका जा सके। DOI T की दलील- रिक्रूटमेंट पोर्टल की जिम्मेदारी आरपीएससी के पत्र के बाद डीओआईटी भी असमंजस में है। डीओआईटी का कहना है कि ई-मित्र केंद्र केवल आमजन को ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। यदि कोई अभ्यर्थी गलत शैक्षणिक योग्यता दर्ज करता है, तो उसे आरपीएससी के रिक्रूटमेंट पोर्टल के माध्यम से ही रिजेक्ट किया जाना चाहिए। डीओआईटी ने यह भी कहा कि अभ्यर्थी ई-मित्र के अलावा अपने मोबाइल या लैपटॉप से भी आवेदन करते हैं। ऐसे में शैक्षणिक योग्यता की स्वचालित जांच के लिए रिक्रूटमेंट पोर्टल में तकनीकी परीक्षण कर आवश्यक अपडेट किया जा सकता है, ताकि अपात्र आवेदन सबमिट ही न हो सकें। आरपीएससी का दावा- ई-मित्र संचालक कर रहे हैं अपराध आरपीएससी के सचिव रामनिवास मेहता ने डीओआईटी सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि आयोग या अन्य एजेंसियों की भर्ती विज्ञप्ति जारी होने पर कई ई-मित्र संचालक मूल शैक्षणिक योग्यता देखे बिना ही अभ्यर्थियों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी के आधार पर आवेदन भर देते हैं। अभ्यर्थी के साथ ई-मित्र संचालक भी भारतीय न्याय संहिता की धारा 217 के तहत अपराध कर रहे हैं। अयोग्य अभ्यर्थियों को फॉर्म वापस लेने की छूट आरपीएससी परीक्षा से पहले दो श्रेणी के अभ्यर्थियों को आवेदन वापस लेने का अवसर देता है। पहले वे जो भर्ती के लिए अयोग्य होते हैं और दूसरे वे जो परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते।
जयपुर | राज्य में भर्ती परीक्षाओं में अनावश्यक मैनपावर और खर्च बढ़ने के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) ने प्रदेशभर में संचालित ई-मित्र केंद्रों को भी जिम्मेदार माना है। इसे लेकर आरपीएससी ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग (डीओआईटी) को पत्र