RSS शताब्दी वर्ष; हिंदू सम्मेलनों की तैयारी तेज:नए साल में 18 जनवरी से होंगे आयोजन, हर गांव-ढाणी तक पहुंचने का संकल्प
नागौर के जायल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जायल उपखण्ड में प्रस्तावित भव्य हिंदू सम्मेलनों की तैयारियों को लेकर खिंयाला रोड स्थित शारदा बाल निकेतन में बैठक आयोजित की गई। बैठक में नागौर विभाग प्रचारक गिरधारी लाल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए आगामी आयोजनों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। गिरधारी लाल ने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष समाज को संगठित करने और राष्ट्र के प्रति दायित्व बोध जागृत करने का ऐतिहासिक अवसर है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन हिंदू सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रभक्ति के भाव को और अधिक मजबूत करना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे हर गांव और ढाणी तक पहुंचकर समाज के सभी वर्गों को इन आयोजनों से जोड़ें और संघ के सकारात्मक विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं। सम्मेलनों की तिथियों की घोषणा बैठक के दौरान कार्यक्रमों के सफल संचालन, व्यवस्थाओं और व्यापक जनसंपर्क को लेकर विस्तृत रणनीति तैयार की गई। इस अवसर पर नागौर जिला सह कार्यवाह रूपाराम लील ने शताब्दी वर्ष के अंतर्गत आयोजित होने वाले सम्मेलनों की तिथियों की घोषणा की। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, आगामी वर्ष 18 जनवरी 2026 को रोटू, छाजोली, रोल, झाड़ेली और जालनियासर में हिंदू सम्मेलनों की शुरुआत होगी। इसके बाद 25 जनवरी को गुगरियाली, कठौती, दुगस्ताऊ, बुगरडा और डेह में आयोजन किए जाएंगे।फरवरी माह में 1 फरवरी को जायल नगर, राजोद, फरडोद, मागलोद और आकोड़ा में सम्मेलन आयोजित होंगे। वहीं अंतिम चरण में 8 फरवरी को खिंयाला, बरनेल, तरनाऊ, सोमणा और सुरपालिया में कार्यक्रम संपन्न होंगे। बैठक के अंत में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने पूर्ण समर्पण के साथ आयोजनों को सफल बनाने और घर-घर संपर्क कर समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इन सम्मेलनों से जोड़ने का सामूहिक संकल्प लिया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में जायल उपखण्ड में प्रस्तावित भव्य हिंदू सम्मेलनों की तैयारियों को लेकर खिंयाला रोड स्थित शारदा बाल निकेतन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित नागौर विभाग प्रचारक गिरधारी लाल ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए आगामी आयोजनों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष समाज को संगठित करने और राष्ट्र के प्रति दायित्वबोध जागृत करने का एक ऐतिहासिक अवसर है। गिरधारी लाल ने जोर देकर कहा कि इन सम्मेलनों का मुख्य उद्देश्य समाज में सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रभक्ति के भाव को सुदृढ़ करना है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे प्रत्येक गांव और ढाणी तक पहुंचकर समाज के सभी वर्गों को इन आयोजनों से जोड़ें और संघ के सकारात्मक विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं। बैठक के दौरान कार्यक्रमों के सफल संचालन, व्यवस्थाओं और व्यापक जनसंपर्क को लेकर रणनीति तैयार की गई। इस अवसर पर नागौर जिला सह कार्यवाह रूपाराम लील ने आगामी कार्यक्रमों की तिथियों की घोषणा करते हुए बताया कि शताब्दी वर्ष के निमित्त जायल उपखण्ड के विभिन्न केंद्रों पर चरणों में सम्मेलन आयोजित होंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगामी वर्ष 18 जनवरी 2026 को रोटू, छाजोली, रोल, झाड़ेली और जालनियासर में सम्मेलनों का आगाज होगा। इसके पश्चात 25 जनवरी को गुगरियाली, कठौती, दुगस्ताऊ, बुगरडा और डेह में आयोजन किए जाएंगे। फरवरी माह की शुरुआत में 1 फरवरी को जायल नगर सहित राजोद, फरडोद, मागलोद और आकोड़ा में हिंदू सम्मेलन होंगे, जबकि अंतिम चरण में 8 फरवरी को खिंयाला, बरनेल, तरनाऊ, सोमणा और सुरपालिया में कार्यक्रम संपन्न होंगे। बैठक के अंत में सभी उपस्थित कार्यकर्ताओं ने पूरे समर्पण के साथ इन आयोजनों को सफल बनाने और घर-घर संपर्क करने का सामूहिक संकल्प लिया।